अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना का लाभ ‘बार काउंसिल ऑफ दिल्ली’ (बीसीडी) में पंजीकृत सभी अधिवक्ताओं को मिलेगा। भले ही वे राष्ट्रीय राजधानी में मतदाता के रूप में पंजीकृत हों या नहीं। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि प्राथमिकता वकील के निवासस्थल के बजाय इस बात को दी जाएगी कि वह वकालत कहां कर रहा है। उन्होंने कहा कि भले ही कोई व्यक्ति राष्ट्रीय राजधानी में वकालत करता हो। लेकिन हर कोई यहां रहने का खर्च वहन नहीं कर सकता। अदालत ने यह भी माना कि दिल्ली में वकालत करने वाले और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रहने वाले वकील यहां न्याय दिलाने में भूमिका निभाते हैं।
उसने कहा कि मुख्यमंत्री योजना ने समाज और कानूनी पेशे में अधिवक्ताओं की भूमिका को मान्यता दी है। अदालत ने उन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया, जिनमें अनुरोध किया गया था कि बीसीडी के तहत पंजीकृत सभी वकीलों को योजना का लाभ देने का निर्देश दिया जाए। भले ही उनके नाम राष्ट्रीय राजधानी की मतदाता सूची में शामिल हों या नहीं हों।
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