अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। इस साल अप्रैल से जून के दौरान भारत में कोरोना वायरस से हुई मौतों में कोविड-19 के नए स्वरूप की किस हद तक भूमिका थी, इसका पता लगाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कार्यबल गठित करने का केन्द्र को निर्देश देने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका मुंबई में रहने वाले शोधकर्ता और अभिनव भारत कांग्रेस के ट्रस्टी पंकज फडनिस ने दायर की है।
जनहित याचिका में यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि अंतरराष्ट्रीय कार्य बल को न्यायालय को इस तथ्य से भी अवगत कराना चाहिए कि इस नये कोविड वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई। याचिका के अनुसार, ”इस विषय पर एक रिपोर्ट के सह-लेखक भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने इस महामारी की दूसरी लहर के दौरान पिछले तीन महीने में करीब 39 लाख भारतीयों की मृत्यु होने का संकेत देते हुए युद्ध जैसी स्थिति होने की पुष्टि की है। यह त्रासदी अभी समाप्त नहीं हुई है।याचिका में कहा गया है, ”हम सभी कोरोना की तीसरी लहर का इंतजार करते हुए कड़े प्रतिबंधों के बीच रहने के लिए बाध्य हैं। कोविड-19 महामारी का प्रसार करने वाले वुहान वायरस की उत्पत्ति इस समय अंतरराष्ट्रीय जांच का विषय है। वुहान वायरस के डेल्टा स्वरूप की उत्पत्ति, जिससे ऐसा लगता है कि पिछले तीन महीने में भारत में करीब 39 लाख व्यक्तिों की मृत्यु हुई, के बारे में अभी भी जानकारी नहीं है।
वायरस का यह स्वरूप पहले भारत में मिला था और अब यह दुनिया में फैल रहा है और यह दुनिया की नजरों में भारत के प्रति तिरस्कार का भाव पैदा कर रहा है।” याचिका में केन्द्र सरकार को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि वह भविष्य में इस वायरस के और रूप बदलने के बारे में वैज्ञानिक तरीके से निगाह रखे ताकि वह डेल्टा स्वरूप की तरह इसके किसी नये रूप की चपेट में अचानक ही नहीं आ जाये। याचिका में दलील दी गई है कि ये कदम कोविड-19 की तीसरी लहर के रूप में और ज्यादा विपदा पर अंकुश पाने में काफी मददगार होंगे।
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