गाजियाबाद। लॉकडाउन के कारण जिन लोगों का घर खरीदने का सपना अधूरा रह गया था। वह अब अपना सपना पूरा कर सकेंगे। अगर आप दिल्ली-एनसीआर के गाजियाबाद में मकान या कोई प्रोपर्टी खरीदने जा रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। इस साल भी गाजियाबाद में सर्कल रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे। गाजियाबाद में हर साल 8 अगस्त को सर्कल रेट घोषित करने की परंपरा है। लेकिन बीते चार सालों से गाजियाबाद में जमीन का सर्कल रेट नहीं बढ़ाए जा रहे हैं। साल 2017, 2018, 2019, 2020 में भी सर्कल रेट नहीं बढ़े थे। 2020 पहले आर्थिक मंदी तो 2020 के बाद कोराना महामारी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। पिछले साल से ही कोरोना के कारण प्रोपर्टी बाजार भी मंदी के कगार पर है।
इस साल भी कोरोना के कारण हालात पहले से ज्यादा खराब हो गए हैं।गाजियाबाद प्रशासन का कहना है कि प्रोपर्टी मार्केट पर कोरोना की दूसरी लहर का सीधा असर देखा जा रहा है. हाल ही में गाजियाबाद जिला प्रशासन ने प्रॉपर्टी मार्केट का सर्वे कराया था, जिसमें देखा गया है कि प्रॉपर्टी की डिमांड काफी घट गई है। सर्वे रिपोर्ट जब डीएम के पास भेजी गई तो डीएम ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर यह फैसला किया कि इस साल भी सर्कल रेट नहीं बढ़ाए जाएंबता दें कि मेरठ मंडल के 6 जिलों में पहले से ही आशियाना मिलना आम इंसान से दूर होता जा रहा है। मेरठ मंडल में गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, मेरठ और बागपत जिले आते हैं। एक तरफ मेरठ के छह जिलों में जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं तो दूसरी तरफ अगर सर्कल रेट बढ़ जाता है तो लोगों की पहुंच से प्रॉपर्टी खरीदना एक महंगा सौदा होता। गाजियाबाद में सर्कल रेट नहीं बढ़ने से लोगों के लिए घर बनाना और आसान होगा। कोरोना महामारी के बाद मेरठ मंडल के 6 जिलों में आठ से दस गुना तक सर्किल रेट बढ़ाने की बात की जा रही थी। लेकिन आखिर गाजियाबाद प्रशासन ने सर्कल रेट नहीं बढ़ा कर लाखों घर खरीदने वाले को राहत दी है। इस फैसले से कोरोना महामारी में जनता पर दोहरी मार से कुछ हद तक निजात मिलेगी।
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