हरिओम उपाध्याय
अलीगढ़। थोड़ी-थोड़ी सी जमीन के लिए आपस में लड़ने वालों के लिए अलीगढ़ के कस्बा अकबराबाद के नानऊ गांव के लोगों ने देशभर के आगे ऐसी मिसाल पेश की है।जिससे ना सिर्फ इलाके का विकास होगा बल्कि इबादत भी जारी रह सकेगी। अलीगढ़-कानपुर नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण में बाधा बन रही तकरीबन 100 साल पुरानी ईदगाह को हटाने के लिए बिना किसी कानूनी पचडे और विवाद के हटाने पर सहमति बना दी है। अब ईदगाह गांव में ही ग्राम सभा की जमीन पर बनाई जाएगी। इससे पहले भी इसी हाईवे के निर्माण के लिए गांव पनेठी के लोगों ने इसी तरह से मस्जिद हटाए जाने पर अपनी सहमति दे दी थी।
दरअसल नेशनल हाईवे-91 के अंतर्गत अलीगढ़-कानपुर सेक्शन का इस समय चौड़ीकरण किया जा रहा है। इस हाइवे को फोर और सिक्स लेन में विकसित करने के लिए कार्यवाही लगातार जारी है। जनपद अलीगढ़ में गांव बोनेर से गोपी तक तकरीबन 15 गांव की 53 हेक्टेयर जमीन अभी तक अधिग्रहित की जा चुकी है। जिसकी एवज में अब तक तकरीबन डेढ़ अरब रुपए का मुआवजा प्रभावित लोगों के बीच वितरित किया जा चुका है। हाईवे के चौड़ीकरण के लिए अधिकृत की जा रही जमीन में अकबराबाद के ग्राम नानऊ स्थित तकरीबन 100 साल पुरानी ईदगाह भी जद में आई है। भूमि अध्यापति विभाग के अधिकारियों ने धार्मिक स्थल होने के चलते स्थानीय लोगों के साथ संपर्क किया। इस पर गांव के पूर्व प्रधान नजीर व अजमेरी खान समेत 17 लोगों ने प्रशासन को गाटा संख्या 840 में स्थित ईदगाह को स्वयं ही स्थानांतरित करने के लिए प्रार्थना पत्र सौंपा। इसके बाद चौड़ीकरण के कार्य को आगे बढ़ाते हुए ईदगाह को शिफ्ट करने का कार्य प्रशासन द्वारा शुरू कर दिया गया है।
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