अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। हरी धनिया लगभग सभी रोज ही खाते है।किंतु इसे खाने के फायदे के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे। ताकि इसे सही ढंग से जानकर हम इसका लाभ उठा सकते है।
यह सब्जियों की शान होती है। यह सब्जियों को सजाने के का म आती है। इसका फ्लेवर बहुत अच्छा होता है। इसीलिए इसका उपयोग करते है। अधिकांश लोग तो बस केवल इतना ही जानते हैं। तो चलिए जानते हैं, धनिया की क्या तासीर हैं। विभिन्न रोगों में इसका क्या फायदा है। इसे उपयोग करने का क्या तरीका है और आयुर्वेद क्या कहता है। धनिया के बारे में
यह ठंडी तासीर की होती है। किंतु इसके बीज सौम्य अर्थात कम ठंडे होते हैं।
इसे हमेशा ताजा ही प्रयोग करना चाहिए। स्टोर करके या सुखा कर 1 महीने से अधिक उपयोग नहीं करना चाहिए।
धनिया के बीच 1 वर्ष पुराने ज्यादा फायदेमंद होते हैं।
थायराइड, खांसी, जुकाम, अस्थमा, उल्टी आदि में इसका काढ़ा बनाकर दिया जाता है।
यह एसिडिटी होने पर तथा गर्भवती महिला को उल्टी आने पर चावल के पानी के साथ बीजों का काढ़ा बनाकर पिलाने से लाभ होता है।
महिलाओं को मासिक धर्म के समय अतिरिक्त ब्लीडिंग होने पर एवं खूनी बवासीर में।
धनिया के पत्तों में मिश्री मिलाकर जैसे गुलकंद बनाते हैं।उस तरह धनिया कंद बनाकर एक चम्मच खिलाने से तत्काल लाभ होता है।
धनिया के पत्तों का पेस्ट बनाकर, लू लगने या धूप से आने पर गर्मी बढ़ने पर माथे पर इसका लेप किया जाता है। आंखें लाल होने या आंखों के आंसू सूखने पर भी इस पेस्ट की पुल्टिस बनाकर आंखों के ऊपर रखने से लाभ होता है।
यूटीआई अर्थात यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन मे भी धनिया के बीज पीसकर पानी में उबालकर आधा पानी रहने पर,
ठंडा कर इसे छानकर पिलाने से लाभ होता है।
छोटे बच्चों को अस्थमा होने पर उन्हें दवाइयां नहीं दी जा सकती ऐसे में धनिया के बीजों के काढ़े में शक्कर मिलाकर बच्चों को दो चार चम्मच और बड़ों को आधा गिलास तक दिए जाने पर लाभ होता है।
यह पचने मे हल्का होता है और त्रिदोष नाशक भी है।अतः इसका उपयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए।
अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से यह धातु को और शारीरिक शक्ति को नष्ट कर देती है।
जिन्हें धनिया सूट नहीं करता वे धनिया के साथ लहसुन मिलाकर खा सकते हैं।
हरी धनिया का उपयोग !
हरी धनिया का उपयोग भोजन में चटनी बनाकर तथा सब्जियों में ऊपर से सजाकर किया जाता है।
कहीं-कहीं हरी धनिया की सब्जी भी बनाई जाती है। जिसे सरसों के तेल में बनाना चाहिए।
किंतु अधिक मात्रा में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
निष्कर्षतः!
इस प्रकार प्रतिदिन में उपयोग लाया जाने वाला धनिया इतना गुणकारी और हेल्थ के लिए लाभदायक होता है। अतः धनिया खाने के फायदे जानकर इसका सही इस्तेमाल करना चाहिए। हमारी वेबसाइट पर दी गई समस्त जानकारी विभिन्न स्रोतों के अध्ययन एवं अनुभव के आधार पर दी जाती है। अतः किसी भी प्रयोग से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें।
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