अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। राज्यसभा ने विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच शुक्रवार को नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। जिसमें नारियल विकास बोर्ड कानून, 1979 में संशोधन का प्रावधान है। ताकि किसानों को अधिक फायदा मिल सके।
सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। चर्चा में हिस्सा लेते हुए बीजू जनता दल के मुजीबुल्ला खान ने कहा कि तटीय क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका प्रदेश ओडिशा का लंबा समुद्री तट है और वह अक्सर तूफान से प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि ओडिशा एक पिछड़ा राज्य है और उसे प्राथमिकता दिए जाने की जरूरत है। उपसभापति हरिवंश ने कहा कि किसी अन्य सदस्य ने इस विधेयक पर चर्चा के लिए अपना नाम नहीं दिया है। कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस विधेयक का मकसद नारियल क्षेत्र का और विकास है।
उन्होंने कहा कि नारियल क्षेत्र के विकास होने से किसानों को और फायदा होगा। इसके बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। विभिन्न मुद्दों को लेकर आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे सदस्यों ने विधेयक पर मत-विभाजन कराए जाने की मांग की। इस पर उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों ने अपने स्थान पर जाने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर सदस्य अपने स्थानों पर जाएंगे। तभी मत विभाजन संभव हो पाएगा।
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