श्रीनगर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का सोमवार को करगिल विजय दिवस पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लद्दाख के करगिल का दौरा खराब मौसम के कारण रद्द हो गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
राष्ट्रपति कोविंद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के चार दिवसीय दौरे के लिये रविवार को श्रीनगर पहुंचे हैं। राष्ट्रपति 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान शहीद होने वाले भारतीय जवानों की याद में बनाये गये करगिल युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये आज करगिल जाने वाले थे। करगिल विजय दिवस 1999 की करगिल लड़ाई में शहीद हुए देश के रणबांकुरो के सम्मान में हर वर्ष 26 जुलाई को मनाया जाता है।
यह दिन हर भारतीय के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। भारत के जांबाज रणबांकुरों ने इस दिन करगिल की चोटियों पर डेरा जमाए बैठे घुसपैठियों और पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ा था। करीब दो महीने तक चले संघर्ष में भारतीय सेनाओं ने शानदार जीत हासिल की थी।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कारगिल विजय दिवस के मौके पर यहां राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर मातृभूमि की रक्षा में प्राण न्यौच्छावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को करगिल विजय दिवस की 22वी वर्षगांठ पर पाकिस्तान के साथ हुए इस युद्ध के शहीदों को याद किया और कहा कि उनकी बहादुरी हर दिन देशवासियों को प्रेरित करती है।
रक्षा मंत्री ने टि्वट कर कहा, “ कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मैं भारतीय सेना के अदम्य शौर्य, पराक्रम और बलिदान को नमन करता हूँ।” इस मौके पर अपने संदेश में उन्होंने कहा, “ कारगिल युद्ध के महान शूरवीरों ने भारत की रक्षा का स्वर्णिम अध्याय अपने शौर्य, पराक्रम और बलिदान से लिखा है।
कठिन और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारतीय सेना ने कारगिल में जो विजय प्राप्त की वह अपने आप में अतुलनीय है। मैं कारगिल युद्ध में वीरगति प्राप्त करने वाले सभी वीर सैनिकों के परिवारों को फिर से यह भरोसा देना चाहता हूं कि यह देश उनके बलिदान , उनकी स्मृति को कभी नहीं भूल सकता। दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक हमारी इस प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
अमर चक्र पर जल रही अमर ज्योति भारतीय सेना के पराक्रम और बलिदान की अग्नि साक्षी है। ” रक्षा मंत्री से पहले सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार तथा अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.