अखिलेश पांडेय
टोक्यो। ओलंपिक में कुछ कर गुजरने के लक्ष्य के साथ भारतीय दल का 88 सदस्यीय पहला जत्था 23 जुलाई से शुरू होने वाले खेलों के लिए रविवार की सुबह जापान पहुंच गया। कोविड-19 महामारी के बीच आयोजित किए जा रहे खेलों के लिए भारत के आठ खेलों तीरंदाजी, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, हॉकी, जूडो, जिम्नास्टिक, तैराकी और भारोत्तोलन के खिलाड़ी, सहयोगी स्टाफ और अधिकारी नई दिल्ली से विशेष विमान से जापान की राजधानी पहुंचे।
पहला जत्था 88 सदस्यों का है। जिनमें 54 खिलाड़ियों के अलावा सहयोगी स्टाफ और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। भारतीय खिलाड़ियों का हवाई अड्डे पर कुरोबे शहर के प्रतिनिधियों ने स्वागत किया। उनके हाथों में बैनर थे जिन पर लिखा था, ”कुरोबे भारतीय खिलाड़ियों का समर्थन करता है।
हॉकी में पुरुष और महिला हॉकी टीमें शामिल हैं। यह किसी एक खेल में भारत का सबसे बड़ा दल है। इससे पहले शनिवार की रात को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने नई दिल्ली में इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर हर्ष ध्वनि, तालियों की गड़गड़ाहट और शुभकामना संदेशों के साथ भारतीय दल को औपचारिक विदाई दी। हवाई अड्डे पर अप्रत्याशित दृष्य देखने को मिला। ओलंपिक दल के लिए लाल कालीन बिछाया गया था।
खिलाड़ियों की विदाई के लिए इतना उत्साह बना हुआ था कि भारत सरकार ने इन सदस्यों की कागजी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए विशेष व्यवस्था की थी। ठाकुर के अलावा विदाई समारोह में खेल राज्यमंत्री निसिथ प्रमाणिक, भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के महानिदेशक संदीप प्रधान, आईओए के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और महासचिव राजीव मेहता ने भी हिस्सा लिया।
भारत के कुछ खिलाड़ी विदेशों में अपने अभ्यास स्थलों से पहले ही टोक्यो पहुंच चुके थे। भारत की एकमात्र भारोत्तोलक मीराबाई चानू अमेरिका के सेंट लुई में अपने अभ्यास स्थल से शुक्रवार को टोक्यो पहुंची। मुक्केबाज और निशानेबाज इटली और क्रोएशिया में अपने अभ्यास स्थलों से यहां पहुंचे हैं। भारत का 228 सदस्यीय दल ओलंपिक में भाग लेगा जिसमें 119 खिलाड़ी शामिल हैं
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