अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। नौवहन एवं दिशा विशेषज्ञ, वाइस एडमिरल एस एम घोरमडे ने भारतीय नौसेना के उपप्रमुख के तौर पर शनिवार को प्रभार संभाला। एडमिरल घोरमडे का भारतीय नौसेना के अग्रिम मोर्चे के युद्धपोतों पर व्यापक परिचालन अनुभव रहा है। जिसमें निर्देशित मिसाइल पोत आईएनएस ब्रह्मपुत्र, पनडुब्बी बचाव पोत आईएनएस निरीक्षक और सुरंग भेदी पोत आईएनएस एलेप्पी की कमान संभालना शामिल है।
उन्होंने वाइस एडमिरल जी अशोक कुमार की जगह ली है जो 39 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी नौसेना के उपप्रमुख का पद संभालने से पहले एकीकृत रक्षा स्टाफ के मुख्यालयों में तीनों सेवा के उपप्रमुखों की नियुक्ति (अभियान एवं प्रशिक्षण) की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वाइस एडमिरल घोरमडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला, रोड आइलैंड में अमेरिकी नेवल वॉर कॉलेज में नेवल स्टाफ कॉलेज और मुंबई के नेवल वॉर कॉलेज के विद्यार्थी रहे हैं।
उन्होंने एक जनवरी, 1984 में भारतीय नौसेना में कमिशन प्राप्त कियाथा और उन्हें नौवहन एवं दिशा विशेषज्ञ के तौर पर जाना जाता है। तट पर उनकी महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों में सहायक प्रमुख (मानव संसाधन विकास), कर्मियों के प्रधान निदेशक और नौसेना मुख्यालय में नौसेना योजनाओं का निदेशक पद शामिल है।
वाइस एडमिरल के पद पर उन्होंने नौसैन्य अभियानों के महानिदेशक, पूर्वी नौसैन्य कमान के प्रमुख और कार्मिक सेवाओं के नियंत्रक जैसे चुनौतीपूर्ण और प्रतिष्ठित पदों को संभाला है। फ्लैग ऑफिसर (वरिष्ठ नौसैन्य अधिकारी) को भारत के राष्ट्रपति द्वारा 2017 में अतिविशिष्ट सेवा पदक और 2007 में नौसेना पदक से सम्मानित किया गया है।
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