हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ जहां सरकार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर तमाम तरह की अड़चनों के बीच विगत एक महीने से आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए धरनावत है। सरकार के तानाशाही रवैए से परेशान एक अभ्यर्थी ने मंगलवार को गोमती नदी में छलांग लगा दी है।
अभ्यर्थी के कूदने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया तो वही मौजूद लोगों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस गोताखोरों की मदद से करीब डेढ़ घंटे से रेस्क्यू के जरिए अभ्यर्थी को ढूंढने का प्रयास कर रही है। लेकिन छलांग लगाने वाले अभ्यर्थी का अभी तक कुछ भी पता नहीं चल सका है। रोते-बिलखते अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए।उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के सामने ‘योगी जी न्याय दो’ का नारा लगाना शुरू कर दिया। सीएम आवास पर बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने माहौल बिगड़ता देखा तो बसों में भरकर अभ्यर्थियों को धरना स्थल (इको गार्डन) भेज दिया।
बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए पिछले कई दिनों से अभ्यर्थी लखनऊ के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते दिन इन्हीं अभ्यर्थियेां पर लाठीचार्ज हुआ था। आज फिर वे अपना हक मांगने सीएम आवास पर पहुंचे। कुछ अभ्यर्थियों ने सड़क पर लेटकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस बीच वहां मौजूद पुलिस बल ने सक्रियता दिखाते हुए अभ्यर्थियों को बसों में भरकर धरना स्थल पर भिजवा दिया। बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि विभाग में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 18,598 पदों पर पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती की गई है, लेकिन कुछ शरारती तत्व और राजनीतिक दल युवाओं को बरगला कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
सरकार की ओर से किसी भी विभाग में भर्ती के लिए जिन नियमों के तहत आवेदन मांगे जाते हैं। उन्हीं के तहत पूरी भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसे न भर्ती प्रक्रिया के दौरान बदला जा सकता है और न ही भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद।
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