कविता गर्ग
मुंबई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले के आने से पहले रुपये में दो सत्रों से जारी गिरावट थम गई और रुपया नौ पैसे की तेजी के साथ 74.38 प्रति डालर पर बंद हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि मासांत से पहले और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले के आने से पहले रुपये में एक सीमित दायरे में घटबढ हुई।अन्तरबैंक विदेशीमुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 74.44 प्रति डालर पर खुला। कारोबार के दौरान यह 74.31 के उच्च स्तर और 74.49 के निम्न स्तर तक जाने के बाद अंत में प्रति डालर नौ पैसे की तेजी के साथ 74.38 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। मंगलवार को यह 74.47 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। विगत दो सत्रों में रुपये में सात पैसे की गिरावट आई थी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीपपरमार ने कहा कि मासांत की डॉलर मांग के बीच दो दिनों की गिरावट के बाद रुपये में सुधार आया। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.07 प्रतिशत बढ़कर 92.49 हो गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 135.05 अंक की गिरावट के साथ 52,443.71 अंक पर बंद हुआ। वैश्विक जिंस वायदा बाजार में ब्रेंट क्रूड की दर 0.77 प्रतिशत बढ़कर 75.05 डॉलर प्रति बैरल हो गयी। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने मंगलवार को 1,459.08 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। बाजार सूत्रों ने कहा कि शुरूआती दो सत्रों में रुपया में गिरावट रही। लेकिन बाजार बंद होने से पहले रुपया ने वापसी की। घरेलू बाजारों से मिले संकेतों की वजह से रुपये में मजबूती देखने को मिली। हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशकों की धन निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती आने से निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई और रुपये में बढ़त सीमित ही रही।
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