हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के सुनियोजित नगर विकास के लिए किए जा रहे कार्यों को तेजी से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि स्थानीय निवासियों सहित अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं, तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर नगरीय अवस्थापना को सुदृढ़ किया जाए। उन्होंने सभी परियोजनाओं को पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को यहां लोक भवन में आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अयोध्या नगर निगम क्षेत्र में कराए जा रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अयोध्या नगर निगम में सीवरेज ट्रीटमेन्ट फैसिलिटी, सीवर लाइन तथा सीवर हाउस कनेक्शन की वर्तमान मंे उपलब्ध सुविधाओं तथा आवश्यकता के अन्तर को पूर्ण करने के लिए डीपीआर दो चरणों में प्रस्तुत किये जाएंगे। प्रथम चरण में 150 किलोमीटर सीवर लाइन तथा 20 हजार घरों हेतु सीवर कनेक्शन हेतु प्रस्ताव किया गया है। इसकी अनुमानित लागत 280 करोड़ रुपये है। द्वितीय चरण में सीवरेज ट्रीटमेन्ट सुविधा, 191.48 किलोमीटर सीवर लाइन तथा 20,316 घरों हेतु सीवर कनेक्शन का प्रस्ताव है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 320 करोड़ रुपये है।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि सरयू नदी मंे गिरने वाले नालों में से 3.5 एमएलडी के 05 नालों की टैपिंग की जा चुकी है। 15 नालों की टैपिंग के लिए नमामि गंगे परियोजना के तहत एनएमसीजी द्वारा 221.66 करोड़ रुपये की डीपीआर स्वीकृत की गयी है। नगर निगम में सभी घरों तक वाॅटर सप्लाई कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 105 करोड़ रुपये की धनराशि से लगभग 20,000 घरों को वाॅटर कनेक्शन उपलब्ध कराए जा सकेंगे।
सात पार्कों का विकास कार्य जारी...
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि नगर निगम अयोध्या में अमृत योजना के अन्तर्गत सात पार्कों का विकास कराया जा रहा है। इनमें से पांच पार्कांे का कार्य पूर्ण हो गया है। राजद्वार पार्क 80 प्रतिशत तथा अश्वनीपुरम काॅलोनी पार्क का 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु जिला प्रशासन द्वारा नगर निगम सहित 03 अन्य निकायों को 10.052 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करायी गयी है। यह भूमि ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु उपयुक्त पायी गयी है। इसमें लैण्ड फिलसाइट एवं प्लाण्ट स्थापित किया जा सकता है।
नगर निगम अयोध्या हेतु आईटीएमएस परियोजना स्वीकृत की गयी है। परियोजना की लागत 49.74 करोड़ रुपये है।
परियोजना के लिए 12.42 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी गयी है। परियोजना के तहत एडाॅप्टिव टैªफिक कण्ट्रोल सिस्टम, आॅटोमैटिक नम्बर प्लेट रिकगनिशन सिस्टम, रेड लाइट वाॅयलेशन डिटेक्शन सिस्टम, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, इमरजेन्सी काॅल बाॅक्स, सिटी वाईफाई, आॅपरेशन कण्ट्रोल रूम आदि विकसित किये जाएंगे। परियोजना के अक्टूबर, 2021 में क्रियाशील होने की सम्भावना है।
मल्टीलेवल स्मार्ट पार्किंग भी हो रही विकसित
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत अयोध्या में मल्टीलेवल स्मार्ट पार्किंग विकसित करने की कार्यवाही भी की जा रही है। नगर निगम में कान्हा गौशाला विकसित की जा रही है, इसकी लागत 852.57 लाख रुपये है।
नगर निगम अयोध्या द्वारा मैटीरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेन्टर क्रियाशील कराया गया है। इस परियोजना की लागत 38.42 लाख रुपये है। एमआरएफ सेन्टर में शेड, टाॅयलेट, बाउण्ड्रीवाॅल, टूलरूम तथा वाॅशिंग एरिया, पार्किंग एरिया व ड्राइंग एरिया का निर्माण कराया गया है। सेन्टर में विगत तीन माह से कूड़े के पृथकीकरण का कार्य मैनुअल सम्पादित किया जा रहा है। सेन्टर में आवश्यक इक्युप्मेन्ट आपूर्ति की कार्यवाही गतिमान है। वर्तमान में सेन्टर में इंसीनरेटर स्थापित करा दिया गया है। एमआरएफ सेन्टर 15 अगस्त से सेमी आॅटोमैटिक रूप से क्रियाशील हो जाएगा। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 30 जून तक 6,112 आॅनलाइन एप्लीकेशन प्राप्त हुए। 3,337 को लोन स्वीकृत किया गया तथा 3,167 को ऋण उपलब्ध करा दिया गया है।
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