लेकिन कानूनी औपचारिकताओं, स्वास्थ्य संहिता, सीमा शुल्क मंजूरी, कोल्ड स्टोरेज श्रृंखलाएं, भाषायी बाधाएं और वितरण कार्यक्रम की जटिलता के चलते अधिक वक्त लग रहा है।उसने कहा कि किसी देश को टीके दान देने के लिए अपने मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता होती है, किसी को अमेरिकी टीकों के लिए सुरक्षा जांच के लिए निरीक्षकों की आवश्यकता होती है और कुछ देशों ने अभी टीका वितरण की योजनाएं ही नहीं बनायी है जिससे यह सुनिश्चित हो कि टीके बर्बाद होने से पहले सही हाथों में पहुंचे। व्हाइट हाउस ने यह स्पष्ट करने से इनकार कर दिया कि किस देश के सामने कौन-सी बाधाएं हैं।
उसने कहा कि वह वितरण की बाधाओं को खत्म करने के लिए देशों से बातचीत कर रहा है। बाइडन ने 17 मई को यह कहते हुए आठ करोड़ टीके देने की घोषणा की थी। यह किसी भी देश द्वारा दिए गए टीकों के मुकाबले अधिक टीके होंगे जो किसी भी देश से पांच गुना अधिक होंगे, रूस और चीन से भी अधिक होंगे।” अपने लक्ष्य को हासिल न करने के बावजूद बाइडन ने अमेरिका को दुनियाभर में टीकों का सबसे बड़ा दानदाता बना दिया है। उसने रूस या चीन से भी अधिक टीके वितरित किए हैं।
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