टोक्यो/वाशिंगटन डीसी। टोक्यो टोपिक से पहले कुश्ती में भारत को विश्व चैंपियन मिल गया है। हरियाणा के युवा खेल में सबसे आगे है। पानीपत के सागर जागलान ने विदेश में अपने देश और जिले का नाम रोशन किया। सागर ने 80 किलोग्राम भार वर्ग में जीत हासिल कर चैंपियन बने।
सागर ने अमेरिका के पहलवान जेम्स माकलर को 4-0 से मात दी और विश्व कैडेट कुश्ती प्रतियोगिता जीतकर चैंपियन बने। हंगरी में 18 जुलाई को प्रतियोगिता शुरु हुई थी जिसमें सागर ने अमेरिकी पहलवान को मैट से बाहर कर सफलता हासिल की।सागर ने पहले हुए मुकाबलों में चार बार फितले दांव का इस्तेमाल कर प्रतिद्वंद्वियों को मात दी थी। सागर ने बुलगारिया, अजरबेजान के पहलवानों के साथ 3 पहलवानों को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।सागर का सेमीफाइनल मुकाबला जार्जिया के पहलवान के साथ हुआ।
उनकी शुरूआत काफी कमजोर रही लेकिन आखिरी पांच सेकंड में अपने विरोधी के दोनों पांव पकड़े और उलटकर चित कर मुकाबला जीत लिया।सागर पानीपत के राजनगर के नौल्था गांव में रहते है। सागर बचपन में काफी कमजोर थे स्कूल और आसपास के लिए लोग उनका मजाक उड़ाते थे। लेकिन सागर के पिता मुकेश कुमार पहलवान थे इसलिए उन्होंने मन बना लिया था कि वो अपने बेटे को भी पहलवान बनाएंगे।
सागर के पिता ने अपने बेटे को अखाड़े में कुश्ती के अभ्यास के लिए छोड़ दिया। सागर ने कड़ा अभ्यास किया और अपने शरीर को मजबूत बनाया। सागर खरखौदा स्थित अश्वनी कुश्ती एकेडमी के कोच अश्वनी के पास अभ्यास करते हैं। सागर जागलान ने बताया कि वह स्टार पहलवान बजरंग पूनिया के फितले दांव के फैन हैं। पूनिया से मिलकर उन्होंने ये दाव बारीरी से सीखा। इसके लिए वह रोज 120 बार अभ्यास करते थे। एशियन चैंपियनशिप व वर्ल्ड चैंपियनशिप में फितले दांव की वजह से जीत दर्ज कर पाया है।
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