अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केरल विधानसभा में 2015 में हुए हंगामे और तोड़फोड़ के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के छह प्रमुख सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लेने की मांग वाली राज्य सरकार की याचिका एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है। हालांकि, न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह विधायकों के इस प्रकार के व्यवहार को क्षमा नहीं करेगा। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए सार्वजनिक सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले विधायकों के आचरण पर असंतोष जताया।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार से कहा, "इस प्रकार का व्यवहार अस्वीकार्य है। प्रथम दृष्टया हमें सख्त दृष्टिकोण अपनाना होगा।" खंडपीठ ने रंजीत कुमार से यह भी पूछा कि ऐसे विधायकों को बचाने के पीछे व्यापक जनहित क्या है ?
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