राणा ओबराय
चंडीगढ़। हरियाणा मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार विनोद मेहता के साथ दुर्भावनापूर्ण भेदभाव का मामला देखने को मिला है। सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार का पद एक और सुधार के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, सार्वजनिक ब्यूरो के उपाध्यक्ष और राजनीतिक सचिव से बड़ा है। फिर नेम प्लेट में भेदभाव क्यों। क्योंकि पूर्व प्रोजेक्ट डायरेक्टर रोकी मित्तल सार्वजनिक ब्यूरो के उपाध्यक्ष की भी मंत्रियों वाली बड़ी प्लेट थी परन्तु प्रधान मिडिया सलाहकार की नेम प्लेट निजी सचिव जैसी लगा रखी है। क्या दुर्भावनापूर्ण किया गया कार्य है ?
अगर नही है तो तुरंत मीडिया सलाहकार की बड़ी नेम प्लेट बननी चाहिए। अथवा सचिवालय में सीएम के साथ नियुक्त सभी की नेम प्लेट एक जैसी बनाई जाए।
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