राणा ओबराय
चंडीगढ। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शहीद ऊधम सिंह के शहीदी दिवस पर आज उन्हें नमन कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ऐलान किया कि आजादी की लड़ाई में अंडमान की सेलुलर जेल में प्राण न्योछावर करने वाले गुमनाम नायकों के सम्मान में एक स्मारक का निर्माण जल्द किया जाएगा। यह स्मारक वतन पर फिदा होने वाले परवानों को समर्पित होगा जिनको काले पानी की सज़ा भुगतनी पड़ी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज यहां राज्य स्तरीय समागम के दौरान शहीद ऊधम सिंह स्मारक को लोकार्पित करते हुए कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में बेमिसाल योगदान देने वाले ऐसे देशभक्तों और स्वतंत्रता सेनानियों, विशेषकर पंजाब के महान सपूतों की शिनाख़्त प्रसिद्ध इतिहासकार और विद्वान पहले ही कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सुनामी से तबाह हुए इलाके का दौरा करने के मौके पर अंडमान टापू में सेलुलर जेल के दौरे को याद करते हुए कहा कि उनको यह जान कर बहुत हैरानी हुई कि वहां दीवारों पर शहीदों के खुदे हुए नामों में से वह किसी को भी नहीं जानते थे। ये शहीद काले पानी की सज़ा भुगतते हुए गुमनामी में ही इस जहां को छोड़ गए और उनकी यादें भी जेल तक ही सीमित होकर रह गई। भारत माता के जांबाज सपूतों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
ज्ञातव्य है कि शहीद ऊधम सिंह के तांबे की आदमकद प्रतिमा वाला स्मारक बनाया गया है जिसके साथ दोनों तरफ़ स्थापित चार -चार पत्थरों पर शहीद ऊधम सिंह के जीवन, इतिहास और मिसाली योगदान को अंग्रेज़ी और पंजाबी में उकेरा गया है। एक अजायबघर भी बनाया गया है। जहां निशानियां, विलक्षण तस्वीरों, दस्तावेज़ और महान शहीद की अस्थियां कलश में रखी गई हैं। इस स्मारक पर 6.40 करोड़ रुपए की लागत आई है जिसमें से ज़मीन की कीमत पर 3.40 करोड़ जबकि बाकी 3 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर ख़र्च किये गए हैं।
महान क्रांतिकारी के 82वें शहीदी दिवस के मौके पर श्रद्धा-सुमन भेंट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महान शहीद का बलिदान हमारी नौजवान पीढ़ी में राष्ट्रीयता और देशप्रेम का जज़्बा पैदा करता रहेगा। उन्होंने लोगों से इस स्मारक का सही ढंग से रख-रखाव करने की अपील की।
इस दौरान मुख्यमंत्री शहीद ऊधम सिंह के वारिसों को भी मिले और सम्मान के तौर पर उनको शॉल से सम्मानित किया जिनमें जीत सिंह, ग्यान सिंह, रणजीत कौर, जीत सिंह पुत्र बचन सिंह, मोहन सिंह, श्याम सिंह, गुरमीत सिंह और मलकीत सिंह (सभी सुनाम निवासी) शामिल थे। इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन संजय कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह, पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग के निदेशक कंवल प्रीत बराड़, डिप्टी कमिश्नर रामवीर, डी.आई.जी. विक्रमजीत दुग्गल और एस.एस.पी. विवेक शील सोनी उपस्थित थे।
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