अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ईरान में फंसे पांच भारतीय नाविकों को स्वदेश वापस लाने के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा। ये नाविक एक आपराधिक मामले में बरी होने के बाद भी ईरान में फंसे हुए हैं। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने पांच नाविकों के पिताओं की ओर से दाखिल याचिका पर निर्देश प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार के वकील को समय प्रदान किया।
केंद्र की ओर से पेश वकील हरीश वैद्यनाथन से अदालत ने कहा, ” आप क्या कर रहे हैं? इस तरह के मामलों में आप निर्देश प्राप्त करते हैं।” याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 27 जुलाई की तारीख मुकर्रर की गई। इस दौरान, याचिकाकर्ताओं के वकील गुरिंदर पाल सिंह ने अदालत से ईरान में फंसे नाविकों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने के लिए तत्काल निर्देश देने का अनुरोध किया।
सिंह ने कहा कि इस समय नाविक ईश्वर की दया पर जी रहे हैं। अदालत ने यह साफ किया कि वह इस चरण में केंद्र से किसी जवाबी हलफनामा तलब नहीं कर रहे और कहा, ” उन्हें (केंद्र के वकील को) निर्देशों के साथ वापस आने दीजिए।” अदालत को बताया गया कि नाविकों ने वर्ष 2019 में ईरान में एक मालवाहक पोत पर कार्य शुरू किया था।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि फरवरी 2020 में ईरानी अधिकारियों ने पोत पर छापेमारी कर मादक पदार्थ की तस्करी के आरोप में पांचों नाविकों को गिरफ्तार किया था। हालांकि, ईरान की एक अदालत ने इस साल मार्च में पांचों नाविकों को बरी कर दिया था।
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