मुंबई। महाराष्ट्र में बाढ़ से 76 लोगों की मौत हो चुकी है और 38 अन्य घायल हो गए हैं। राज्य सरकार ने शनिवार हो यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में यह सूचना दी और साथ ही उसने कहा कि 30 लोग बाढ़ में लापता हो गए हैं।तटीय कोंकण क्षेत्र में रत्नागिरी जिले में रायगढ़ और पश्चिमी महाराष्ट्र में कोल्हापुर जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके अलावा सातारा जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश कहर बरपा रही है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों में भूस्खलन की कई घटनाओं समेत बारिश से संबंधित घटनाओं में 129 लोगों की मौत हो चुकी है।सीएमओ के बयान में कहा गया है कि राहत एवं पुनर्वास विभाग से मिली सूचना के अनुसार, राज्य में अभी तक करीब 90,000 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।
इस दौरान 75 पशु मारे गए। इस बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे रायगढ़ जिले में बाढ़ से प्रभावित महाड शहर का दौरा करेंगे और साथ ही तलीये गांव का भी दौरा करेंगे जहां भूस्खलन हुआ था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि तलीये गांव में भूस्खलन में कम से कम 39 लोग मारे गए।
महाराष्ट्र के सातारा जिले में अंबेघर गांव में हुए भूस्खलन वाली जगह से शनिवार को पांच शव बरामद किए गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। जिला प्रशासन ने कहा कि पाटन तहसील में स्थित इस गांव में हुए भूस्खलन में कम से कम 16 लोगों के फंसे होने की आशंका हैं क्योंकि चार से पांच घर मलबे में दफन हो गए हैं। प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, “हमने अंबेघर में तलाश एवं बचाव अभियान के दौरान अब तक पांच शव बरामद किए हैं।” सातारा पुलिस अधीक्षक अजय कुमार बंसल ने बताया कि स्थानीय पुलिस, निवासी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है।इसी तहसील में दो अन्य गांवों – मीरगांव और धोखावले में भी भूस्खलन हुआ है जहां क्रमश : 12 और चार लोगों के फंसे होने की आशंका है। अधिकारियों ने बताया कि इन स्थानों पर भी बचाव अभियान जारी है। सातारा के जिलाधिकारी शेखर सिंह ने शुक्रवार को बताया था कि बृहस्पतिवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात को हुए इन तीन भूस्खलनों में करीब 30 लोगों के फंसे होने का डर है।
एनडीआरएफ ने बढ़ाई अपनी टीम की संख्या
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में बचाव अभियान को तेज करने के लिए अपनी टीम की संख्या 18 से बढ़ाकर 26 कर दी। यह इलाके भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हैं। एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य प्रशासन के साथ विचार-विमर्श करने के बाद इन दलों को मुंबई, रत्नागिरि, ठाणे, पालघर, रायगढ़, सातारा, सांगली, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर और नागपुर में बचाव एवं राहत कार्य के लिए तैनात किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आठ नई टीम को भारतीय वायु सेना के एक विमान से ओडिशा से लाया गया। प्रवक्ता ने बताया कि बल महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के जिलों की भारत मौसम विज्ञान विभाग के मौसम संबंधी पूर्वानुमान और केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट का पालन कर रहा है।
महाराष्ट्र में बारिश जनित घटनाओं और शवों की बरामदगी के बाद मृतकों की संख्या शनिवार को बढ़कर 136 हो गयी। राज्य में पिछले दो दिनों के दौरान अत्यधिक बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनायें हुयीं जिनमें कई लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी।इसने पुणे के प्रभावित क्षेत्रों में स्थित औंध सैन्य स्टेशन पुणे और बॉम्बे इंजीनियर समूह के सैनिकों सहित कुल 15 राहत और बचाव दल तैनात किए हैं। इस बीच, मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सतारा के लिए एक नया ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है जिसमें अगले 24 घंटों में इस पश्चिमी महाराष्ट्र जिले के पहाड़ी ‘घाट’ क्षेत्रों में ‘अत्यधिक भारी वर्षा’ की भविष्यवाणी की गई है। इस इलाके में भूस्खलन के कारण लगभग 30 लोग लापता हैं।
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