मंगलवार, 27 जुलाई 2021

परिवारों को 50-50 लाख का मुआवजा देगी सरकार

दिसपुर। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने मंगलवार को कछार जिला मुख्यालय शहर सिलचर में मीडिया को संबोधित करते हुए घोषणा की, कि असम-मिजोरम सीमा पर हुई गोलीबारी में अपनी जान गंवाने वाले असम पुलिस के पांच जवानों के परिवारों को राज्य सरकार 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देगी। साथ ही मृत पुलिस कर्मियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि जिस इलाके में हिंसा हुई है वह आरक्षित वन क्षेत्र है। सैटेलाइट इमेजिंग की मदद से इसको देखा जा सकता है कि अतिक्रमण कैसे हुआ है। असम सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि जब कल असम-मिजोरम सीमा पर गोलीबारी हो रही थी तो मैंने मिजोरम के मुख्यमंत्री को छह बार फोन किया। उन्होंने 'सॉरी' कहते हुए मुझे आइजोल में बातचीत के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि हमारी जमीन का एक इंच भी हिस्सा कोई नहीं ले सकता। हम अपने क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सीमा पर पुलिस है। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह दो राज्यों के बीच सीमा विवाद है।
असम-मिजोरम सीमा पर हिंसक झड़पों पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि यह लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद है। उस समय भी विवाद था जब दोनों तरफ कांग्रेस की सरकार थी। यह दो राज्यों के बीच का विवाद है, दो राजनीतिक दलों के बीच का मुद्दा नहीं है। घटना असम की सीमा पर हुई। हमारी पुलिस मामले की जांच करेगी। इसकी जांच की जाएगी कि नागरिकों को हथियार कहां से मिले। पांच पुलिस कर्मियों की जान चली गई। गुवाहाटी से सिलचर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने हिंसा में प्राण गंवाने वाले असम पुलिसकर्मियों को कछार पुलिस अधीक्षक मुख्यालय परिसर में अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
उल्लेखनीय है कि कछार के पुलिस अधीक्षक वैभव चंद्रकांत निंबालकर को असम मिजोरम सीमा पर संघर्ष के दौरान गंभीर रूप से गोली लगने के बाद मुंबई ले जाया गया है। एसपी को उनके कूल्हों में एक गोली लगने के बाद गंभीर सर्जरी की आवश्यकता है। एसपी को कुल पांच गोली लगी थी। पैल में लगी गोली को सिलचर मेडिकल कालेज अस्पताल के चिकित्सकों ने सर्जरी कर बाहर निकाल दिया है।
उल्लेखनीय है कि मिजोरम पुलिस ने सोमवार को असम के अधिकारियों, पुलिस कर्मियों और नागरिकों पर गोलियां चलाई थीं, जिसमें असम पुलिस के पांच जवानों और एक नागरिक की मौत हो गई थी जबकि 50 से अधिक घायल हो गए थे।

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