हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। मुसलमानों का दूसरा सबसे बड़ा पर्व ईद-उल-अजहा यानी कि बकरीद का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा। रविवार को मरकजी चांद कमेटी फिरंगी महल और शिया चांद कमेटी ने चांद नज़र आने की तसदीक के साथ कुर्बानी का त्यौहार बकरीद की तारीख का ऐलान कर दिया है। ईद उल फितर के बाद मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे ज़्यादा महत्व रखने वाला पर्व बकरीद अगले बुधवार (21 जुलाई) को देश भर में मनाया जाएगा। बकरीद यानी कि ईद उल अजहा को कुर्बानी का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन हर साहिबे हैसियत (जिसके पास जितना पैसा हो जो जानवर कुर्बान कर सकें) बकरे या दुंबे की कुर्बानी करता है और गरीबों को उसका हिस्सा बांटता है।
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