मंगल में अंतरिक्ष यान भेजने वाला दूसरा देश
अमेरिका के बाद मंगल की सतह पर अंतरिक्ष यान भेजने वाला चीन दूसरा देश है। यान के ऑर्बिटर और लैंडर दोनों पर छोटे चीनी झंडे लगे हैं। लैंडर पर 2022 बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक एवं पैराओलंपिक के शुभंकर की आकृति भी है। छह पहियों वाला रोवर उस स्थान का सर्वेक्षण कर रहा है जिसे यूटोपिया प्लानिशिया कहा जाता है।
अमेरिका के बाद मंगल की सतह पर अंतरिक्ष यान भेजने वाला चीन दूसरा देश है। यान के ऑर्बिटर और लैंडर दोनों पर छोटे चीनी झंडे लगे हैं। लैंडर पर 2022 बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक एवं पैराओलंपिक के शुभंकर की आकृति भी है। छह पहियों वाला रोवर उस स्थान का सर्वेक्षण कर रहा है जिसे यूटोपिया प्लानिशिया कहा जाता है।
पानी या वर्फ की कर रहा तलाश
रोवर मंगल की सतह पर विशेषकर पानी या बर्फ के संकेतों की तलाश कर रहा है जिससे कि ग्रह पर जीवन की संभावनाओं का पता लगाया जा सके। झूरोंग की ऊंचाई 1.85 मीटर (छह फुट) है और यह अमेरिका के परसेवियरेंस रोवर से छोटा है। परसेवियरेंस रोवर एक छोटे हेलीकॉप्टर के साथ ग्रह का अवलोकन कर रहा है।
2031 से पहले वापस आने की उम्मीद
नासा को उम्मीद है कि उसका रोवर जुलाई में ग्रह से नमूने एकत्रित कर 2031 से पहले जल्द से जल्द धरती पर वापस आ जायेगा। चीन अपनी महात्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम योजनाओं के तहत अगले सप्ताह अपने नए अंतरिक्ष स्टेशन में पहले चालक दल को भेजेगा।
चालक दल तीन महीने ठहरेगा
चालक दल के तीन सदस्यों की तियान्हे (हेवेनली हारमनी) स्टेशन पर करीब तीन महीने ठहरने की योजना है जो पूर्व के किसी भी चीनी अभियान से अधिक समय वाला है। इस दौरान ये सदस्य अंतरिक्ष में चहलकदमी, निर्माण, रखरखाव का काम और वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। एजेंसी.
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