पंकज उपाध्याय
देहरादून। नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही अटकलों के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दो टूक कहा है कि वह उपचुनाव जरूर लड़ेंगे। मेरे लिए कई विधायक अपनी सीट खाली करने के लिए तैयार हैं। पार्टी नेतृत्व जहां से भी मुझे चुनाव लड़ाएगा मैं वहीं से चुनाव मैदान में उतर जाऊंगा।
मंगलवार को राज्य में चल रही नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि वह मजबूती के साथ अपनी सरकार चला रहे हैं और मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उपचुनाव हर हाल में लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के कई विधायक मेरे उपचुनाव लड़ने के लिए अपनी सीट खाली करने को तैयार हैं। इस संबंध में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भी अवगत करा दिया गया है। पार्टी नेतृत्व जहां से भी उपचुनाव लड़ने की इजाजत देगा। वहीं से चुनाव मैदान में उतरकर मैं उपचुनाव लड़ लूंगा। उन्होंने कहा कि उपचुनाव लड़ने की सारी तैयारियां की जा रही है।जल्द ही राज्य में उपचुनाव होगा। मुख्यमंत्री ने बताया है कि उनके चाहने वालों की राज्य और देश में कमी नहीं है। राज्य की जनता सरकार की ओर से कराए जा रहे विकास कार्यों को लेकर काफी खुश है। सरकार की ओर से लागू की गई सभी योजनाओं का लाभ समाज के सभी वर्गों के लोगों को दिया जा रहा है। चुनाव और उपचुनाव एक संवैधानिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। इसके लिए भाजपा की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
पार्टी नेतृत्व राज्य में जहां भी उपचुनाव लड़ने का आदेश देगा मैं वहीं से चुनाव लड़ूंगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के उप चुनाव लड़ने के बयान को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा था कि नियमानुसार चुनाव आयोग को चुनाव करवाना चाहिए। आयोग उपचुनाव की घोषणा करें तो पार्टी इसके लिए हर समय तैयार है। उन्होंने कहा कि विधानमंडल दल के नेता को राज्यपाल मुख्यमंत्री मनोनीत करता है और मुख्यमंत्री की संस्तुति पर मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई जाती है। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने संविधान की धारा 164 के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि संविधान में साफ तौर पर वर्णित है कि जो मुख्यमंत्री या मंत्री सदन का सदस्य नहीं है, उसे 6 माह के भीतर सदन का सदस्य बनना जरूरी होता है नहीं तो उसे पद से हटना पड़ेगा।
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