सत्येंद्र ठाकुर
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से एक बार फिर घर-घर राशन योजना पर रोक लगाए जाने से बुरी तरह से खिन्न हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि जब होम डिलीवरी के तहत घर-घर जाकर पिज्जा पहुंचाया जा सकता है तो राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं की जा सकती है?
रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राजधानी दिल्ली में इस सप्ताह से सरकार द्वारा घर-घर राशन पहुंचाने की योजना आरंभ की जाने वाली थी। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए समूची तैयारियां हो चुकी थी। लेकिन केंद्र सरकार ने 2 दिन पहले ही इस योजना को शुरू होने से रोक दिया है। केंद्र सरकार का दावा है कि हमने उससे इस योजना को शुरू करने की मंजूरी नही ली है। जबकि हम एक बार नहीं बल्कि 5 बार घर-घर राशन पहुंचाने की योजना की मंजूरी ले चुके हैं। उन्होंने कहा कि कानून के लिहाज से हमें केंद्र सरकार से इस योजना को शुरू करने के लिए मंजूरी की जरूरत नहीं है। फिर भी हमने शिष्टाचार के नाते 5 बार केंद्र से मंजूरी ली। उन्होंने कहा कि जब पिज्जा की घर घर जाकर होम डिलीवरी की जा सकती है तो लोगों को पेट भरने के लिए उनके घर राशन क्यों नहीं पहुंचाया जा सकता है? उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा है कि आखिर राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं होनी चाहिए? राशन माफिया के साथ जब आप खड़े होंगे तो गरीबों के साथ कौन खड़ा होगा।
उन्होंने कहा कि उन 7000000 गरीबों का क्या होगा जिनका राशन यह माफिया चोरी कर लेते हैं? मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार कोरोना महामारी की मुसीबत के समय भी सभी के साथ लड़ाई भिड़ाई करने पर उतारू है। पश्चिम बंगाल में वह ममता दीदी के साथ लड़ रही है तो झारखंड में वहां की सरकार के साथ केंद्र दो-दो हाथ करने को तैयार है। महाराष्ट्र में भी उद्धव सरकार के साथ केंद्र की लड़ाई चल रही है। जबकि केंद्र सरकार को यह सोचना चाहिए कि यह समय लड़ने का नहीं बल्कि संयुक्त रूप से काम करने का है। जिससे कोरोना को देश से भगाते हुए लोगों को संक्रमण और लाॅकडाउन जैसी पाबंदियों से बाहर निकाला जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं इस सारी योजना का समूचा श्रेय केंद्र सरकार को देने के लिए तैयार हूं। मगर योजना को शुरू होने से रोका नहीं जाना चाहिए।
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