पुरी। महाप्रभु श्री जगन्नाथ के विश्व प्रसिद्ध रथ की सवारी के लिए रथ निर्माण कार्य चल रहा है। आज रथ के सभी पहिए और धुरों पर डेरा है। परंपरा के अनुसार सर्दियों में तीनों रथों के सभी पहिये समाप्त हो जाते हैं। लेकिन इस साल चार दिन हो गए हैं। पहियों को फिर पहियों पर लगाया जाता है और दिशा निर्धारित की जाती है। नेत्रोत्सव या रथ यात्रा की पूर्व संध्या पर, रथों को बिना किसी रुकावट के सिंह द्वार तक ले जाया जाता है। तदनुसार, पहियों और धुरों को जोड़ा गया था। फिर, परंपरा के अनुसार, तीनों रथों का नाहक देवस्वना की पूर्णिमा के दिन उदय होगा। इसलिए निर्माण कार्य चल रहा है।
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