अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आखिरी क्षण में अदालत का रुख करते हुए ”प्रचार पाने के पैंतरे” के लिए एक एनजीओ की बुधवार को खिंचाई की। एनजीओ ने यहां सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में अधिक पारदर्शिता के लिए परीक्षा परिणाम घोषित करने से पहले 10वीं कक्षा के छात्रों के अंकों के मूल्यांकन के मापदंड का तार्किक दस्तावेज अपनी वेबसाइटों पर प्रकाशित करने का निर्देश देने का अनुरोध अदालत से किया है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि एनजीओ को निजी वादी की तरह बर्ताव नहीं करना चाहिए। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ”आप सोचते हैं कि आप अंतिम क्षण में आएंगे और हर चीज पर रोक लगवा सकेंगे। यह प्रचार पाने का पैंतरा है। यह बहुत खराब बात है। आप हमारे साथ जो कर रहे हैं वह बहुत अनुचित है। किसी निजी वादी की तरह बर्ताव मत करिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Thank you, for a message universal express.