दुष्यंत टीकम
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर कंग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्य में चुनाव साल 2023 के नंवबर में होने हैं। लेकिन पार्टी ने अभी से वहां कमर कसना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, ओवरऑल ऑर्गेनाइजेशन रिव्यू करने के बाद कांग्रेस फिर से संगठन का ब्लॉक से लेकर राज्य इकाई तक पुनर्गठन कर रही है। काग्रेस के हर विधायक की परफॉर्मेंस का रिव्यू किया जा रहा है और संभावित उम्मीदवार का फीडबैक भी लिया जा रहा है और हर स्तर के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग करवाई जा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, पार्टी ने प्रत्येक क्षेत्र में लोगों को किस तरह की समस्याएं है और उनकी क्या जरूरते हैं। इसको जाने के लिए डोर-टू-डोर अभियान शुरू किया है। इस अभियान के अंतर्गत पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से उनकी समस्याओं की जानकारी लेंगे और छतीसगढ़ सरकार की नीतियों और निर्णय के बारे में उन्हें को बताएंगे। छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने खास बातचीत में बताया, 'मुख्यमंत्री पद को लेकर को ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला तय नहीं किया गया था। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मनमुटाव की बातें बेबुनियाद हैं। मेरी जानकारी में कोई ढाई साल- ढाई साल का फॉर्मूला नहीं है। ये सिर्फ भ्रम फैलाया जा रहा है। कोई छतीसगढ़ का नेता नाराज नहीं है। मुख्यमंत्री को बदलने के संदर्भ में कोई विधायकों की बैठक नहीं हुई है।
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