अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। पंजाब की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार में चल रही कलह को विचित्र राजनीति करार देते हुए भाजपा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि ऐसे समय में जब पूरा राज्य कोरोना से प्रभावित है, अपनी अंदरूनी राजनीति के लिए वह पंजाब के लोगों की अनदेखी का पाप कर रही है। केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ”पंजाब में क्या विचित्र राजनीति चल रही है? पूरा पंजाब कोरोना से प्रभावित है। वहां टीकों का उचित प्रबंधन नहीं हो रहा है। जांच और अन्य पहलुओं पर भी सरकार का जैसा ध्यान होना चाहिए वह नहीं हो रहा है।” उन्होंने कहा कि ऐसे समय में राज्य में पिछले छह महीने से उनकी आपसी लड़ाई चल रही है और पिछले तीन-चार दिनों से तो पूरी सरकार और पार्टी दिल्ली में है। उन्होंने कहा, ”वहां पंजाब को कौन देखेगा? अपनी अंदरूनी राजनीति के लिए पंजाब के लोगों की अनदेखी करना कांग्रेस का बड़ा पाप है।
ज्ञात हो कि पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह को दूर करने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। इस समिति ने पिछले चार दिनों में पंजाब से ताल्लुक रखने वाले 100 से अधिक नेताओं से उनकी राय ली है। इनमें अधिकतर विधायक हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह शुक्रवार को समिति की बैठक में पहुंचकर अपनी बात रखेंगे। ऐसी संभावना है कि वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ डिजिटल बैठक भी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि हाल के कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सिद्धू ने मंगलवार को इस समिति से मुलाकात कर अपने विचार रखे थे। जावड़ेकर ने पंजाब सरकार पर कोरोना रोधी टीकों पर भी लाभ कमाने का आरोप लगाया और कहा कि राहुल गांधी को दूसरों को भाषण देने के बजाय कांग्रेस शासित राज्यों में हो रहे ऐसे कामों पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि पंजाब की जनता को कोवैक्सीन टीकों की एक खुराक के लिए 1500 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा कि आज तक भारत सरकार ने राज्यों को 22 करोड़ टीके मुफ्त दिए हैं। उन्होंने कहा, ”इन्होंने (कांग्रेस नेताओं) ही टीकों के विकेंद्रीकरण की मांग उठाई थी और जब हमने कर दिया तो वह इसे केंद्रीयकृत करने की मांग उठा रहे हैं। हर रोज इनकी भूमिका बदलती रहती है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को कोरोना के प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ”यही मांग है ओर लोगों की अपेक्षा भी।”
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