रविवार, 20 जून 2021

मुंबई: दल अकेले चुनाव लड़ने की बात करेगा तो पीटेगा

अकांंशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। लड़खड़ाती हुई नजर आ रही महाविकास आघाडी सरकार के मुख्यमंत्री ने अडंगा लगाने की कोशिश कर रहे दलों को सावधान करते हुए कहा है कि अगर लोगों की समस्याओं का समाधान किए बगैर ही जो अकेले चुनाव लड़ने की बात करेगा तो लोग उन्हें जूतों से पीटेेंगे। दरअसल महाराष्ट्र में गठबंधन दलों के बीच चल रही कलह की वजह से महाविकास आघाडी सरकार की रफ्तार लड़खड़ाती हुई नजर आ रही है। जिसके चलते शिवसेना और कांग्रेस के बीच चल रही रार से खाई और गहरी होती जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और अन्य स्थानीय नेता अकेले चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं। 
इसी बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेताओं पर कटाक्ष किया और कहा जो लोगों की समस्याओं का समाधान किए बगैर ही अकेले चुनाव लड़ने की बात करेगा तो लोग उन्हें जूते से पीट देंगे। कांग्रेस या अन्य किसी कांग्रेसी नेता का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर हम लोगों की समस्याओं के समाधान की कोशिशें नहीं करते हैं और केवल राजनीति में अकेले लड़ने की बात करते हैं तो लोग हमें जूतों से पीटेंगे। वह हमारी अकेले चुनाव लड़ने की पार्टी केंद्रित महत्वाकांक्षी बात नहीं सुनेंगे।
गौरतलब है कि हालही में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष जगताप ने कहा था कि वह शिवसेना से हाथ मिलाए बगैर अगले वर्ष मुंबई के निकाय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के 55वें स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को अपनी आकांक्षाएं अभी अलग रखनी चाहिए और अर्थव्यवस्था और हेल्थ पर फोकस करना चाहिए। 

कोरोना वायरस महामारी के बीच अपनी पार्टी के 55 वें स्थापना दिवस के मौके पर ठाकरे ने कहा कि देश के समक्ष अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के दो प्रमुख मुद्दे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक दल यह तय करें कि वे सत्ता के लिए राजनीतिक सफलता चाहते हैं या आर्थिक मोर्चे पर समाधान खोजने के लिए। सामाजिक अशांति इसका वर्णन करने के लिए एक कठोर शब्द होगा, लेकिन देश निश्चित रूप से सामाजिक अशांति की ओर बढ़ रहा है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर कोई पार्टी यह कहना चाहती है कि वह दूसरों से हाथ मिलाए बिना चुनाव लड़ना चाहती है, तो उसे लोगों को आत्मविश्वास और साहस देना चाहिए। अन्यथा लोग पूछेंगे कि पार्टी के पास उन्हें आजीविका, नौकरी देने की क्या योजना है। बता दें कि दशकों से विरोधी रहे शिवसेना और कांग्रेस ने 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के भाजपा से अलग होने के बाद शरद पवार की एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाई।

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