श्रीनगर। पीडीपी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को वार्ता के लिए बुलाने के केंद्र के निमंत्रण पर फैसला लेने का अधिकार रविवार को पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को दिया। पीएसी पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च समिति है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के यहां शहर के गुपकर इलाके में स्थित फेयरव्यू आवास पर दो घंटे तक चली पीएसी की बैठक के बाद यह फैसला किया गया। बैठक की अध्यक्षता महबूबा ने की।
पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता सैयद सुहैल बुखारी ने बैठक के बाद महबूबा के आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘पीएसी ने सर्वसम्मति से मामले पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष को दिया है।’’ बुखारी ने कहा कि पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) की बैठक मंगलवार को होगी जहां सदस्य दल मुद्दे पर चर्चा करेंगे और फिर इस पर अंतिम फैसला लेंगे कि प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई बैठक में भाग लेना है या नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘दो दिनों के बाद पीएजीडी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। गठबंधन के सदस्य अपने सुझाव देंगे और उसके बाद बैठक में शामिल होने पर फैसला लिया जाएगा।
महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीएसी में आर वीरी, मुहम्मद सरताज मदनी, जी एन लोन हंजुरा, महबूब बेग, नईम अख्तर, सुरिंदर चौधरी, यशपाल शर्मा, मास्टर तस्सदुक हुसैन, सोफी अब्दुल गफ्फार, निजाम उद्दीन भट, आसिया नकाश, फिरदौस अहमद टाक, मुहम्मद खुर्शीद आलम और एडवोकेट मुहम्मद युसूफ भट जैसे नेता सदस्य हैं। केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय दलों के साथ बातचीत का न्योता मिलने के कुछ घंटे बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के रिश्तेदार और पार्टी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी को छह महीने बाद शनिवार को हिरासत से रिहा कर दिया गया।
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