अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। पिता अपनी बच्चों को पालने के लिये जीवन भर कमाई करता है और उन्हें पालता है। चाहे पिता भूखा रहे वह अपने बच्चों को भूखा नहीं रहने देता। अगर बात की जाये लड़की की। पिता लड़की को पालता है और उसकी शादी करने के लिये जीवन भर रूपये जुटाता है। फिर उसकी शादी करता है। ओडिशा के जजपुर में एक पिता ने कुछ रूपये कर्ज लिये थे। छोटी से रकम चुकाने की बजाय अपनी ढ़ाई साल की नन्ही फूल सी पुत्री को उसे सौंप दिया। इस मामले से यह पता चलता है कि इंसानियत बिल्कुल चूर-चूर हो गई है।
रमेश के घर कर्ज लेने के लिये लिटू जाता था। रमेश ने कर्ज चुकाने के लिये अपनी नन्ही से पुत्री को उसे सौंप दिया। एडिशनल डीजी यशवंत जेठवा ने कहा है कि यह सच है कि बच्ची के पिता रमेश में आरोपी से 3 से पांच हजार रूपये का कर्ज लिया था। रमेश की पत्नी उसे छोड़कर जा चुकी थी। उसने अपने ससुर कहा कहा कि वह अकेले अपनी बच्ची देखभाल करने में सक्षम नहीं है। दूसरे आरोपी लिटू अपनी फैमिली के साथ रहता था। इसलिये रमेश ने अपनी नन्ही पुत्री को उसे सौंप दिया। वह डील परमानेंट नहीं थीं। जिला बाल संरक्षण निरंजन कर ने कहा है कि हमने बच्चे को बचा लिया है। हम यह पता लगा रहे हैं कि बच्चे को सुरक्षित टाइम पर बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाये।
पुलिस इस मामले का जानकारी लगाने के लिये जांच कर रही है कि किस परिस्थिति में बच्चे को उसके माता-पिता ने किसी अन्य व्यक्ति को सौंप दिया। फिलहाल बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए हम उसे बाल कल्याण समिति को सौंप देंगे। यह जांच करेंगे कि क्या बच्चा अवैध रूप से बेचा गया था या आरोपी उनका रिश्तेदा। गौरतलब है कि रमेश और उसकी पत्नी भूवनेश्वर में कार्य करते थे। रमेश शराबी है और वह अपनी पत्नी के साथ झगड़ा करता था। जिसके पश्चात वह उसे छोड़कर अपने माता-पिता के घर चली गई। उसने बच्ची को रमेश के पास छोड दिया था। लाॅकडाउन होने के बाद रमेश भी अपने गांव बिंझापुर आ गया था और वहीं अपनी बेटी के साथ रह रहा था। जब लिटू ने रमेश को पैसे चुकाने के लिये कहा तो उसने कर्ज चुकाने के लिये अपनी बेटी को उसे सौंप दिया।
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