सत्येंद्र पंवार
मेरठ। बहुजन मुक्ति पार्टी ने मनुवादी मनुस्मृति चाहने वाले नए संविधान नए संसद की मांग करने वाले और मुस्लिम समाज के मदरसों को बंद करने और इंडियन लायर एसोसिएशन को बंद की मांग करने वाले यतींद्र नाथ गिरी पर सीओ प्रथम मेरठ से मिलकर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया और राष्ट्रपति महोदय के नाम सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा ज्ञापन भेजा।
बहुजन मुक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय बीएल मातंग, कार्यकारिणी राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवेद्र प्रताप सिंह, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर रामधारी दिनकर के निर्देशानुसार, उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में यतेन्द्र नाथ गिरी पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर मेरठ जिला अध्यक्ष ओमवीर सिंह ने प्रदेश मीडिया प्रभारी आर डी गादरे एवं कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के साथ सीओ मेरठ से मिलकर कोतवाली में यतींद्र नाथ गिरी के विरुद्ध देशद्रोह का की मांग करते हुए मुकदमा दर्ज कराया।
तदोपरांत मेरठ कचहरी पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार के नाम बहुजन मुक्ति पार्टी का ज्ञापन भेजा। ज्ञात हो कि 28 जून 2021 को जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यतींद्र नाथ गिरी द्वारा दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला कानपुर मे नए संविधान के साथ नई संसद में प्रवेश नामक शीर्षक से प्रकाशित समाचार को लेकर और देश की नई संसद में नए संविधान के साथ प्रवेश होना चाहिए। जनसंख्या पर नियंत्रण रोक का कानून बनाने के अलावा धर्मांतरण को अपराध घोषित कर मदरसों का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए को समाप्त करने की मांग को निराधार मानकर बहुजन मुक्ति पार्टी ने गिरी के विरुद्ध जिला कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने का अभियान के तहत मेरठ जिले में भी यतेंद्र नाथ गिरी द्वारा बोले गए राष्ट्रीय अखंडता और धर्मनिरपेक्षता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन का प्राख्यान है।
यतींद्र नाथ गिरी के द्वारा नए संविधान में आरक्षण पर कोई विचार की टिप्पणी कर आरक्षित वर्ग को अनावश्यक जन आंदोलन के लिए उत्प्रेरित करने तथा जनान्दोलन के संबंध में निराधार संभाषण करने वर्ग विशेष को जानबूझकर आरोपित करना और भारत व विश्व में मुस्लिम इस्लाम धर्म के समस्त अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को अपमानित और आहत करने तथा संपूर्ण विश्व में भारत की धर्मनिरपेक्षता की गरिमा में छवि धूमिल करना एवं जन सामान्य तथा मुस्लिम वर्ग के अनुयायियों के बीच शत्रुता का सम परिवर्तन करना सोहार्द प्रतिकूलतः प्रभावित करना तथा लोक प्रशांति में विघ्न उत्पन्न करने और राष्ट्रीय अखंडता और धर्मनिरपेक्षता का प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन का पूरा प्राख्यान भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 124 क 153 क 153 ब, 295 क, व 120 बी एवं राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा -2 के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में मानकर प्रकरण की गंभीरता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए जूना अखाड़ा मंडलेश्वर यतींद्र नाथ गिरी और साथियों के विरुद्ध उपर्युक्त लिखित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने दंड एवं दंडात्मक कार्यवाही करने की भी मांग की गई।
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