मंगलवार, 8 जून 2021

पीएम आवास योजना के तहत शहरों में बन रहें मकान

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों में जिस रफ्तार से मकान बन रहे हैं। उनसे निर्धारित अवधि में 1.12 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है। देश के गरीब, अल्प व मध्यम आय वर्ग के लोगों की आवास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार ने जून, 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना का ऐलान किया था। इसके तहत देश 31 मार्च, 2022 तक 2 करोड़ किफायती मकान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लेकिन बाद में शहरों और गांवों की अलग-अलग आवश्यकताओं को देखते हुए स्कीम को पीएमएवाइ-शहरी और पीएमएवाइ-ग्रामीण दो भागों में बांट दिया गया। 

पीएमएवाइ-शहरी के तहत 1.12 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। स्कीम की समीक्षा से पता चलता है कि शुरुआत के दो साल तो योजना की तैयारी में ही निकल गए थे। जबकि अंतिम दो सालों में कोरोना ने गड़बड़ कर दी। नतीजन अभी तक केवल लगभग 42 लाख मकान ही बन पाए हैं। जबकि 70 लाख में निर्माण कार्य शुरू हुआ है। हालांकि सरकार का पोर्टल इससे ज्यादा आंकड़े दिखा रहा है। लेकिन उसमें पुरानी एनआरयूएम स्कीम के आंकड़े जोड़ दिए गए हैं। लेकिन स्कीम की वास्तविक प्रगति का अंदाजा पोर्टल में ही दिए गए वित्तीय आंकड़ों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है।

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