अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। डिजिटल रूप से विश्व में चलने वाली क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन को सेंट्रल अमेरिका देश अल साल्वाडोर ने वैधानिक मंजूरी दे दी है। यानी, अब सेंट्रल अमेरिका के देश अल सल्वाडोर में लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन वैध मुद्रा होगी। इस हिसाब से क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन को वैध मुद्रा का दर्जा देने वाला अल सल्वाडोर दुनिया का पहला देश बन गया है। अल सल्वाडोर को छोड़कर दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं है। जहां पर इसको बिटक्वाइन को वैध माना गया हों। देश में अमेरिकी डॉलर पहले की तरह वैध मुद्रा बनी रहेगी और बिटकॉइन का उपयोग वैकल्पिक होगा।सोमवार को अल साल्वाडोर कांग्रेस ने राष्ट्रपति नायब बुकेले के क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
इस संदर्भ में अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा कि, "62 मतों के साथ, सत्र ने बिटक्वाइन को मंजूरी दी है। जिसके साथ बिटक्वाइन अल साल्वाडोर की कानूनी मुद्रा बन गई है।"बिटक्वाइन को वैध मुद्रा बनाने का कानून 90 दिनों में लागू हो जाएगा। पांच जून को राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा था कि वे बिटक्वाइन को देश की वैध मुद्रा बनाने के लिए जल्द ही बिल पेश करेंगे।
अल-साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले का कहना है, कि बिटक्वाइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले साल्वाडोर के नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हो जाएगा। बुकेले ने एक ट्वीट में कहा कि, श्यह हमारे देश के लिए वित्तीय समावेशन, निवेश, पर्यटन, नवाचार और आर्थिक विकास लाएगा। इस कदम से साल्वाडोर के लोगों के लिए वित्तीय सेवाएं खुल जाएंगी। विदेशों में काम कर रहे साल्वाडोर के लोग काफी तादाद में करेंसी अपने घर भेजते है। विश्व बैंक के डाटा के अनुासार, साल 2019 में लोगों ने कुल छह अरब डॉलर देश में भेजे थे। बिटक्वाइन एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा या क्रिप्टो-करेंसी है। जो तत्काल भुगतान को सक्षम बनाती है। बिटक्वाइन को वर्ष 2009 में दुनिया के सामने पेश किया गया था। यह एक ओपन-सोर्स प्रोटोकॉल पर आधारित है और इसे किसी भी केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है।
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