अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड जदयू ने केजरीवाल सरकार की घरों तक शराब पहुँचाने की योजना की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि कोरोना महामारी की भविष्य में तीसरी लहर से निपटने की तैयारी करने की बजाए, सरकार मोबाइल एप के जरिए शराब पहुंचाने में ज्यादा दिलचस्पी ले रही है। जदयू के प्रवक्ता सत्य प्रकाश मिश्रा ने आज एक बयान जारी कर कहा कि दिल्ली सरकार को सबसे पहले कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में आम जनता को राशन, रोजगार जाने के कारण और आर्थिक तंगी जैसी समस्या को पहले दूर करना चाहिए था न कि शराब की होम डिलीवरी कैसे हो ? इस बात की चिंता करनी चाहिए थी। कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह दिल्ली के आम लोगों को ऑक्सीजन संकट झेलना पड़ा। इसके लिये दर दर भटकना पड़ा और कई जाने इसकी कमी के कारण चली गयी। इतना ही नहीं रेमडीसीविर इंजेक्शन समेत अन्य दवाइयों और अस्पताल में बेड के लिये जिस संकट से गुजरना पड़ा इसको ध्यान में रखते हुए भविष्य में तीसरी लहर से निपटने की तैयारी करने की बजाए केजरीवाल सरकार मोबाइल एप के जरिए शराब पहुंचाने में ज्यादा दिलचस्पी ले रही है। सत्यप्रकाश मिश्रा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार का एक कोरोना एप है। जिस पर व्हाट्सअप है। यदि उस पर कोई सहायता के लिये मैसेज डालता है तो उसका जवाब कभी नहीं आता। लेकिन दूसरी तरफ शराब एप को कारागार बनाने में जो दिलचस्पी केजरीवाल सरकार दिखा रही है। काश कोरोना एप से आम जनता को सीधा सहायता पहुंचाने में भी दिखाते। उन्होंने कहा कि काश केजरीवाल ऑक्सीजन भी उन लोगों तक पहुँचाने में समय पर काम करते ताकि दिल्ली की जनता को एक सिलेंडर की भारी कीमत न चुकानी पड़ती और काफी जिंदगियां भी बचाई जा सकती थी। उन्होंने कहा कि सीएम केजरीवाल ने दूसरी लहर की शुरुआत में ही कह दिया था कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है जिसके कारण वह भीषण कोरोना त्रासदी का सामना ही नहीं कर पाए। अब भी वह शराब की होम डिलीवरी पर फोकस करने की बजाय दिल्ली के आम लोगों को राशन और उनकी आर्थिक तंगी को दूर करने के उपायों पर ज्यादा ध्यान दें। आम आदमी पार्टी की सरकार आम लोगों की आम परेशानियों से दूर होती जा रही है। दिल्ली की जनता ने उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया है न कि प्रचार मंत्री। बेहतर हो वह राशन समस्या, रोजागार संकट, आर्थिक तंगी और तीसरी लहर से निपटने पर ध्यान दें। दिल्ली को शराब आधारित आर्थिक नीति पर न धकेले और शराब बटवाने का मसीहा न बने।
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