अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केन्द्र से कहा कि अधिकारियों को लोगों को एक ही विषय पर बार-बार याचिका दाखिल करने के लिये मजबूर नहीं करना चाहिये, जिस पर अदालत निर्णय ले चुकी हो। अदालत ने कहा कि ऐसी स्थितियों से बचने के लिये राष्ट्रीय याचिका नीति मौजूद है।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल तथा न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा, ” भारत सरकार की राष्ट्रीय याचिका नीति (एनएलपी) के मद्देनजर अधिकारियों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिये कि यदि किसी मामले में तथ्य समान हैं और कोई सक्षम अदालत या अधिकरण पहले ही निर्णय सुना चुका है तो बाद के समान मामलों में उन्हें इसका पालन करना चाहिये। अधिकारियों को (समान मामले) में बार बार लोगों को अदालत भेजने को मजबूर नहीं करना चाहिये।”
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