बरेली। कोविड की दूसरी लहर का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है। वहीं अब ब्लैक फंगस से निपटने के लिए शासन-प्रशासन ने कमर कस ली है। चिकित्सक ब्लैक फंगस से लड़ने के लिए धूप का उपचार बताया है।चिकित्सकों का कहना है कि ब्लैक फंगस गंदगी, नमी और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण पैदा होता है। ऐसे में धूप ही दवा का काम करेगी और ब्लैक फंगस उसके सामने दम तोड़ता नजर आएगा। शरीर को धूप से तपाने पर विटामिन डी, आक्सीजन और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 300 बेड कोविड अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. बागीश वैश्य के अनुसार ब्लैक फंगस कोरोना पॉजिटिव और निगेटिव दोनों मरीजों में हो सकता है।
स्टेरायड का अधिक प्रयोग शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है। जिससे मरीज के उच्च रक्त चाप, मधुमेह व लाइलाज बीमारी कैंसर आदि से पीड़ित होने और लंबे समय तक आक्सीजन मास्क लगाने की वजह से नमी का दबाव बढ़ता है और ब्लैक फंगस होने का खतरा ज्यादा रहता है। धूप शरीर पर प्रभाव छोड़ने वाले अनेक संक्रमणों को निष्क्रिय कर देती है। सूर्योदय में व दिन की कड़ाके की धूप दोनों ही शरीर के लिए लाभदायक हैं। धूप में एंटी कैंसर तत्व भी पाए जाते हैं। सूर्य की रोशनी से शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओं का निमार्ण होता है। शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है, साथ ही नसें सिकुड़ने नहीं देती है और नसों में खून का प्रवाह भी निरंतर बना रहता है। धूप से जठराग्नि सक्रिय रहकर भोजन के धातु तत्व पुष्ट करके पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है।
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