अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े किसान 6 महीने से ज्यादा वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और सरकार से उनकी हर बातचीत अब तक बेनतीजा ही रही है। ऐसे में कई बार किसानों को मनाने को कोशिश हुई लेकिन कानूनों की वापसी से कम कुछ भी प्रदर्शनकारी किसानों को मंजूर नहीं है। अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को धमकी तक दे दी है।
राकेश टिकैत ने रविवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि अब सरकार का इलाज करना पड़ेगा ये माननी वाली नहीं है। उन्होंने इसके साथ ही किसानों से ट्रैक्टर तैयार रखने को कहा है ताकि फिर से दिल्ली कूच किया जा सके। टिकैत ने केंद्र सरकार को आंदोलन तेज करने की चेतावनी भी दे डाली है।संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में करीब 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं और इस प्रदर्शन को 26 जून को सात महीने पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में आंदोलन तेज होने की पूरी आशंका है। 26 जून को ही किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि भी है।
किसान दिल्ली के गाज़ीपुर, टीकरी और सिंघू बॉर्डर पर 26 नंवबर से धरना दे रहे हैं। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करे और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दे।
सरकार और किसान यूनियनों के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। आखिरी बार बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत रुक गई थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी 11 जनवरी 2021 को इन तीनों कृषि कानूनों के क्रियान्वयन को अगले आदेश तक के लिये स्थगित कर दिया था। साथ ही गतिरोध को दूर करने के लिये चार सदस्यीय कमेटी की नियुक्ति की थी।
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