बुधवार, 30 जून 2021

रेलवे ने 4 'महत्वपूर्ण' परियोजनाओं को पूरा किया

अकांशु उपाध्याय                                  
नई दिल्ली। कोविड की चुनौतियों के बावजूद पिछले एक वर्ष में रेलवे ने विद्युतीकरण व सिग्नलिंग से संबंधित 29 ‘अति महत्वपूर्ण’ तथा 4 ‘महत्वपूर्ण परियोजनाओं समेत कुल 33 अहम परियोजनाओं को पूरा किया है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे अगले कुछ वर्षों में 1,15,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 58 अति महत्वपूर्ण और 68 महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मिशन मोड़ में काम कर रही है। यातायात घनत्व, ढोई जाने वाली सामग्री के प्रकार तथा रणनीतिक महत्व के आधार पर तत्काल आवश्यक परियोजनाओं को ‘अति महत्वपूर्ण’ श्रेणी में रखा गया है। 
जबकि जो परियोजनाएं अगले चरण में पूरी होनी हैं, उन्हें ‘महत्वपूर्ण’ माना गया है। ये सभी परियोजनाएं विद्युतीकरण तथा सिग्नलिंग कार्य से संबंधित हैं। केंद्र सरकार के वित्तपोषण तथा निरंतर निगरानी के जरिये इन परियोजनाओं को जल्द पूरा करने का लक्ष्य है, ताकि निवेश का लाभ उठाया जा सके। इन सभी परियोजनाओं के लिए बजट आवंटन को उच्च प्राथमिकता दी गई है।लगभग 39,663 करोड़ रुपये लागत एवं 3,750 किलोमीटर कुल लंबाई वाली 58 अति महत्वपूर्ण परियोजनाएं मल्टी-ट्रैकिंग यानी दोहरी/तिहरी/चौथी लाइन वाले व्यस्त मार्गों पर हैं। इनमें 11,588 करोड़ रुपये की लागत तथा 1,044 किलोमीटर लंबाई वाली 29 ‘अति महत्वपूर्ण’ रेल परियोजनाओं को कोविड के दौरान पूरा कर दिया गया है। 
जबकि 27 परियोजनाएं दिसंबर,2021 तक पूरी हो जाएंगी। शेष 2 रेल परियोजनाओं के मार्च 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर रेलवे इन घने, संतृप्त व व्यस्त मार्गों पर सुरक्षा के साथ तेज गति से अधिक यातायात संचालन में सक्षम होगा। कुल 75,736 करोड़ रुपये की लागत तथा 6,913 किलोमीटर समग्र लंबाई वाली 68 परियोजनाओं की पहचान महत्वपूर्ण परियोजनाओं के तौर पर की गई है। इनमें 1,408 करोड़ रुपये की लागत तथा 108 किलोमीटर लंबाई वाली 4 परियोजनाएं अब तक पूरी की जा चुकी हैं। 
जबकि शेष परियोजनाओं को मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर 21 मार्च तक 37,734 रुपये खर्च किए गए हैं। इस वर्ष इन परियोजनाओं के लिए 14,466 करोड़ रुपये का परिव्यय रखा गया है।कोविड-19 महामारी के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान रेलवे ने दोहरीकरण, तिहरीकरण व चौहरीकरण की कुल 1614 किलोमीटर लंबी परियोजनाओं को पूरा कर यातायात चालू कर दिया हैं। जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अब तक 133 किलोमीटर लंबी दोहरीकरण और तिहरीकरण परियोजनाएं चालू की गई हैं। 
इनमें उत्तराखंड, असम, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की कुछ प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं।राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से मेरठ, मुजफ्फरनगर और रुड़की होते हुए हरिद्वार तक इस खंड का पूरा मार्ग चालू होने के बाद इस वर्ष जनवरी से डबल लाइन में तब्दील हो गया है। इससे इस व्यस्त मार्ग पर समयबद्धता में सुधार होगा। उपरोक्त अति महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण परियोजनाओं के पूरा होने के बाद भीड़भाड़ वाले मार्गों पर यात्री और माल ढुलाई की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित होगी। इसके अलावा ट्रेनों की गति बढाने तथा नई रेल सेवा शुरू करने में मदद मिलेगी। सुरक्षा में वृद्धि के लिए अधिक लाइन क्षमता उपलब्ध होने से इन व्यस्त मार्गों के रखरखाव के लिए अधिक समय उपलब्ध होगा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे नेटवर्क का अधिकांश यातायात स्वर्णिम चतुर्भुज, उच्च घनत्व नेटवर्क मार्गों और अत्यधिक प्रयुक्त रेल मार्गों पर चलता है। इन रेल मार्गों की लंबाई कुल रेलमार्ग का 51 प्रतिशत है। लेकिन इन पर 96 प्रतिशत यातायात संचालित होता है।

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