कोलकाता। पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने रविवार को ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह प्रधानमंत्री पद का सम्मान नहीं करतीं और दावा किया कि उन्होंने राजनीतिक कारणों से चक्रवात से मची तबाही पर बुलाई गई समीक्षा बैठक में शिरकत नहीं की। घोष ने खगड़पुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है, और ” अब हर कोई जान गया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के लिए किस तरह की भाषा और शब्दों का इस्तेमाल करती हैं।”भाजपा नेता ने दावा किया, “उन्होंने (बनर्जी ने) तब भी राजनीति की जब राज्य के लोग चक्रवात और कोविड-19 महामारी के कारण संकट से जूझ रहे हैं।
हम जानते हैं कि वह बैठक कक्ष में कैसे पहुंचीं, जहां प्रधानमंत्री मौजूद थे, उन्होंने कैसे बात की, और फिर मुख्य सचिव के साथ चली गईं।” घोष की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तापस रॉय ने कहा, “घोष द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करने की कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है। अब उनकी पार्टी में कोई अहमियत नहीं है।”उन्होंने कहा, “चूंकि उन्होंने कुछ टिप्पणियां की हैं, मैं कहना चाहूंगा कि यह भाजपा ही है जो चक्रवात की तबाही और कोविड स्थिति का राजनीतिकरण कर रही है।” उनके सुर में सुर मिलाते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि चुनाव में हार के बाद भाजपा ममता बनर्जी सरकार को बदनाम करने के तरीके खोज रही है।
मुख्मयमंत्री ने शनिवार को कहा था कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ‘बदले की राजनीति’ कर रही है और मोदी तथा शाह हर कदम पर उनकी सरकार के लिए परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने विधानसभा चुनाव में अबतक भाजपा की हार नहीं मानी है। उन्होंने पूछा कि चक्रवात से मची तबाही को लेकर प्रधानमंत्री के साथ उनकी समीक्षा बैठक में विपक्षी भाजपा के नेताओं को क्यों आमंत्रित किया गया? बनर्जी ने यह भी कहा था कि उन्हें इससे अपमानजनक महसूस हुआ है।
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