गाजियाबाद। जिला प्रशासन द्वारा एंबुलेंस का किराया तय कर दिए जाने के बाद भी अवैध वसूली कर रहे दो एंबुलेंस चालक बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गए। दोनों को गिरफ्तार कर दो एंबुलेंस सीज कर दी गई है। गाजियाबाद के कंट्रोल रूम में फोन कर लोग शिकायत कर रहे थे कि एंबुलेंस चालक मनमानी वसूली कर रहे हैं। तय किराया से दोगुना तक चार्ज कर रहे हैं। जो लोग तय किराया से ज्यादा शुल्क देने से मना कर देते हैं, उनके मरीज को अस्पताल या अस्पताल से घर ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक मना कर देते हैं।
इस पर जिलाधिकारी ने अपर नगर मजिस्ट्रेट खालिद अंजुम को मनमानी वसूली करने वाले एंबुलेंस चालकों के पास आम आदमी बनकर फोन करने और शिकायत सही पाए जाने पर उनको पुलिस की मदद से गिरफ्तार करने के लिए निर्देश दिए। जनपद गाजियाबाद के जिलाधिकारी के द्वारा बिछाए हुए जाल में इंटेलीजेंस इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार, सिहानी गेट एसएचओ कृष्ण गोपाल शर्मा, यात्रीकर अधिकारी संदीप जायसवाल भी शामिल हुए। अपर नगर मजिस्ट्रेट खालिद अंजुम ने फोन कर यादव एंबुलेंस सर्विस से एंबुलेंस मंगवाई और इंटेलीजेंस इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार ने सांई एंबुलेंस सर्विस से एंबुलेंस मंगवाई। दोनों से एंबुलेंस बुक करते हुए मनमानी रेट तय किए गए। दोनों एंबुलेंस लेकर चालक जब लोहिया नगर पहुंचे तो उनको गिरफ्तार कर गया। दोनो आरोपित मूलत: इटावा और वर्तमान में लोहिया नगर निवासी हरिओम यादव और सर्वेश कुमार हैं। आरोपितों के खिलाफ सिहानी गेट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है।
पंजीकरण के बिना दौड़ रही थी एंबुलेंस।
दोनों एंबुलेंस चालकों की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि यादव एंबुलेंस सर्विस का मालिक अशोक कुमार यादव और सांई एंबुलेंस सर्विस का मालिक हरिओम यादव भाई-भाई हैं। दोनों के पास 11 एंबुलेंस हैं, जिनका वे संचालन कर रहे हैं। लेकिन पकड़ी गई दोनों एंबुलेंस का पंजीकरण एंबुलेंस के रूप में नहीं करवाया गया हैं। आरोपितों के कार्यालय पर भी पुलिस ने दबिश दी लेकिन वहां पर अन्य एंबुलेंस और अशोक यादव नहीं मिला। अन्य नौ एंबुलेंस और अशोक यादव की तलाश की जा रही है।
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