हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। टीम इंडिया इन दिनों इंग्लैंड दौरे की तैयारियों में जुटी है। ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को भी इस अहम दौरे के लिए टीम में जगह मिली है। जडेजा कोहनी की चोट की वजह से इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से बाहर रहे थे। इसी बीच जडेजा ने अपने करियर के बुरे वक्त को याद किया है। 2018 के इंग्लैंड दौरे से पहले जडेजा काफी समय तक भारतीय टेस्ट और वनडे टीम से बाहर थे। लेकिन उस दौरे ने जडेजा की किस्मत बदल कर रख दी।
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में रवींद्र जडेजा ने कहा, 'सच कहूं तो वो डेढ़ साल रातों की नींद हराम कर गए। उस दौर में, मुझे याद है कि मैं सुबह 4-5 बजे उठ जाता था। मैं सोचता था कि क्या करूं, मैं वापसी करूं? मैं लेटा रहता था, लेकिन जगा ही रहता। मैं टेस्ट स्क्वॉड में था लेकिन नहीं खेल रहा था। मैं वनडे भी नहीं खेल रहा था। भारतीय टीम के साथ यात्रा करने के चलते मैं डोमेस्टिक क्रिकेट भी नहीं खेलता था। मुझे खुद को साबित करने का कोई मौका नहीं मिल रहा था। मैं सोचता रहता कि मैं वापस कैसे आऊंगा।
'32 साल के जडेजा ने आगे कहा, 'ओवल टेस्ट ने मेरे लिए सब कुछ बदल दिया। मेरा प्रदर्शन, मेरा आत्मविश्वास, सब कुछ। जब आप बेस्ट गेंदबाजी यूनिट के खिलाफ इंग्लिश परिस्थितियों में स्कोर करते हैं, तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। यह आपको महसूस कराता है कि आपकी तकनीक दुनिया में कहीं भी रन बनाने लिए काफी अच्छी है। बाद में हार्दिक पंड्या चोटिल हो गए और मैंने वनडे में वापसी की। तब से मेरा खेल अच्छा चल रहा है। मुझे याद है कि जब मैं ओवल टेस्ट में बैटिंग के लिए गया था, तो पहले से मेरी कोई योजना नहीं थी। मैंने अपना समय लिया था और डेब्यू कर रहे हनुमा विहारी को भी ऐसा करने को कहा।
'आईपीएल के बारे में जडेजा ने कहा, 'मैंने अपने प्रैक्टिस के तरीकों में सुधार किया, क्योंकि मुझे अहसास हुआ कि टी20 में टाइमिंग के अलावा पावर हिटिंग की भी जरूरत है। जब आप टेस्ट मैचों की तरह रन बनाने की जल्दी में नहीं होते, तो टाइमिंग आपके काम आती है। मैंने सीजन से पहले अपना ट्रेनिंग सत्र बढ़ाया था। साथ ही शरीर के ऊपरी हिस्से और कंधे पर बहुत काम किया। आईपीएल 2020 से पहले मैंने डेढ़ महीने का अभ्यास किया था, मैंने एक भी दिन इसे मिस नहीं किया।
गौरतलब है कि रवींद्र जडेजा ने 2018 में ओवल टेस्ट में 86 रनों की पारी खेलकर टेस्ट टीम में शानदार वापसी की थी। उस टेस्ट की पहली पारी में भारत का स्कोर एक समय 160/6 रन था, लेकिन जडेजा ने 86 रन बनाकर भारत को 292 रनों तक पहुंचाया था। इसके बाद से जडेजा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया की अहम कड़ी बन गए। जडेजा अभी उन चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो तीनों फॉर्मेट खेला करते हैं।
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