संदीप मिश्र
बलिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने उच्च न्यायालय से मांग की है कि वह राज्य की जनता के हित में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर विचार करे। रामगोविंद चौधरी ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि योगी सरकार के शब्दकोश में दायित्व बोध और दया नाम का शब्द नहीं है। ऐसी सरकार को केवल फटकार से नहीं समझाया जा सकता। इस सरकार को दायित्व बोध कराने और इसमें दया की प्रवृति विकसित करने के लिए इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है। उच्च न्यायालय को सूबे के हित में इस निर्मम, निर्दयी सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई पर विचार करना चाहिए। उन्होने कहा कि प्रदेश में 58 हजार 194 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें निर्वाचित प्रधान हैं, सभासद है, बीडीसी हैं, जिला पंचायत सदस्य हैं। इस महामारी के खिलाफ जागरण और बचाव में इस बड़ी लोकतांत्रिक ताकत का उपयोग हो सकता है लेकिन सरकार खुद कुछ करना नहीं चाहती है और दूसरे को कुछ करते हुए भी नहीं देखना चाहती है। सरकार के इस रवैये से चारो तरफ केवल आह आह सुनाई पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा " विपक्ष ही नहीं, अब भाजपा के विधायक भी बोलने लगे हैं कि हम सत्य कहेंगे तो हमारे ऊपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा कायम हो जाएगा। कोई नहीं सुन रहा है, कहीं कोई व्यवस्था नहीं है, वेंटिलेटर नहीं है। ऑक्सीजन नहीं है, इंजेक्शन नहीं है, का दर्द तो केन्द्र सरकार और सूबे के मंत्री भी उजागर कर चुके हैं।"
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