हरिओम उपाध्याय
गोरखपुर। कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों पर पर्दा डालने के लिए सरकारी अधिकारी नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। कहीं श्मशान घाटों के बाहर पर्दे डाले जा रहे हैं तो कहीं पुलिस वालों की मदद से लोगों को धमकाया जा रहा है। गोरखपुर प्रशासन इन सब से दो कदम आगे निकल गया है। यहां श्मशान घाटों के बाहर नगर निगम ने बड़े-बड़े बैनर टांग कर तस्वीरें लेने को दंडनीय अपराध बता दिया। बैनरों पर लिखा था कि ‘यहां तस्वीरें लेना दंडनीय अपराध है।’ जाहिर है कि इसे मौतों के आंकड़े छिपाने की प्रशासन की कोशिश के तौर पर देखा गया। सोशल मीडिया में नगर निगम के इस कदम की जमकर आलोचना शुरू हो गई तो रातों-रात इन बैनरों को हटा भी लिया गया।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के श्मशान घाटों से अक्सर ऐसी तस्वीरें और वीडियो आते रहे हैं। इन तस्वीरों और वीडियो में बड़ी संख्या में चिताएं जलती दिखाई देती हैं। लोग प्रशासन पर कोरोना को काबू करने में नाकाम रहने के आरोप लगा रहे हैं। कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल, बेड, ऑक्सीजन, दवा हर चीज की किल्लत के बीच श्मशान घाटों के बाहर ऐसे बड़े-बड़े बैनर लगे तो लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन मौतें रोकने से ज्यादा उन्हें छिपाने पर अपनी उर्जा खर्च कर रहा है। इसी आरोप के साथ लोगों ने नगर निगम के इस कदम की जमकर आलोचना शुरू कर दी।
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