अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भाप लेना ऐसा एक उपाय था। जिसे विशेषज्ञ, संक्रमण से सुरक्षा देने वाले उपायों में से एक मान रहे थे। लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया है कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए प्रयोग में लाई जा रही ‘स्टीम थेरपी’ की भाप लेने से कोई लाभ नहीं होता है। अध्ययन के मुताबिक, ”दुनियाभर में प्रचार किया जा रहा है कि नाक और मुंह के माध्यम से भाप लेने से कोरोना वायरस के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि सभी लोग एक हफ्ते तक स्टीम ले लें तो इस गंभीर महामारी को आसानी से खत्म किया जा सकता है।” इस धारणा को सिरे से खारिज करते हुए रॉयटर्स में छपी एक रिपोर्ट कहती है कि यह सलाह न सिर्फ गलत है बल्कि लोगों के लिए यह खतरनाक भी हो सकता है। न तो यूएस सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) और न ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कोरोनावायरस के उपचार के रूप में स्टीम लेने की सलाह देता है।
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