अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि मेडिकल उपकरणों की कालाबाज़ारी पर रोक लगाएं। जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर सहित सभी मेडिकल उपकरणों की कीमत तय करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कल यानि 13 मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने इस बात पर गौर किया कि जून 2020 में ही मेडिकल उपकरणों की कीमतें तय करने की बात थी लेकिन वह प्रक्रिया अधूरी रही। सुनवाई के दौरान वकील संजीव सागर ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने काफी मात्रा में ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स बरामद किए गए हैं। सागर ने कहा कि कई सरकारी वकील जो निचली अदालतों में पेश हो रहे हैं उन्हें ये तक नहीं पता कि हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के दौरान क्या आदेश पारित किए गए। इस पर कोर्ट ने कहा कि उसने सरकार को निर्देश दिया है कि वे सरकारी वकीलों को हाईकोर्ट के आदेशों से अवगत कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने वकील संजीव सागर को निर्देश दिया कि वो सभी सरकारी वकील को हाईकोर्ट की सुनवाई और आदेश के बारे में अवगत कराने के लिए नोट तैयार करें।
सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी राजशेखर राव ने कहा कि कानून में कुछ कमियां हैं जिसकी वजह से लोग मेडिकल उपकरणों की जमाखोरी कर रहे हैं। ट्रायल कोर्ट भले ही आदेश देने में असमर्थ हो लेकिन हाईकोर्ट कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। दूसरा सवाल है कि ऐसे मामलों में पुलिस कार्रवाई करेगी या ड्रग डिपार्टमेंट।
राजशेखर राव ने कहा कि सरकार की ओर से मेडिकल उपकरणों की कीमत तय नहीं करने की वजह से लोग उनका आयात बिना अवरोध के कर रहे हैं। वे लोग ये भी कह रहे हैं कि वे कोई कालाबाजारी नहीं कर रहे हैं। कानून की कमी की वजह से लोग अभियोजन से बच निकलते हैं। इस पर हाईकोर्ट ने भी सहमति जताई और केंद्र सरकार से कहा कि वे मेडिकल उपकरणों की कीमत तय करें ताकि कोई ऊंचे दाम पर न बेच सके। सुनवाई के दौरान एएसजी चेतन शर्मा और वकील चेतन शर्मा ने कहा कि वे इस मामले पर जवाब दाखिल कर देंगे।
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