सत्येंद्र पंवार
मेरठ। मुसलमान समाज आज जिस हाशिये पर है, उसकी देन भाजपा नही कांग्रेस है। बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष आर डी गादरे ने एक साक्षात्कार मे कहा कि मुस्लिम समाज की दयनीय स्थिति के जिम्मेदार खुद मुस्लिम समाज के खुदगर्ज नेताओं की करनी भरनी पढ़ रही है। आज देश में मुस्लिमों के प्रति आज माहौल बनाने और उनको मजलूम पसमांदा बनाने की हरकतें हैं। उसके जिम्मेदार कांग्रेस और मुस्लिम लीडर हैं। ग्रेट इंडिया ग्रेट भारत में कांग्रेस की सरकार में ही मुस्लिम सबसे ज्यादा कमजोर हुआ। कॉंग्रेस चाहती तो देश के आतंकवादी संगठनो पर पाबंदी लगा सकती थी, गुजरात के कातिलों को जेल मे डाल सकती थी। लेकिन नही किया। बल्कि मुस्लिम समाज को लगातार कमजोर करने का कार्य करते रहे और ऊपर से दिखावा मुस्लिमों का हितैषी बनकर दिखावा किया। मुसलमान आज पुलिस, सेना और न्यायालयों मे ना के बराबर बचा है। उसकी देन कॉंग्रेस और रीजनल क्षेत्रीय पार्टियाँ हैं। चाहे वह समाजवादी पार्टी हो बहुजन समाज पार्टी या अन्य कोई। अगर शासन_प्रशासन मे संख्या के हिसाब से सभी धर्म, जाति के लोगो को जगह दी जाती तो आज ये हालात ना होती। आज भी अपनी वफात परस्ती के लिए और अपनी जेब भरने के लिए समाज का कोई ध्यान नहीं रख कर जनता को गुमराह करने का भी कार्य किया जा रहा है क्योंकि उनको पहले से ही उन पार्टियों में हराम की खाने की आदत बन चुकी है और उनको खून मुंह लग गया उनकी आने वाली नस्लें चाहे बर्बाद हो या आबाद हो उनको आज भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा जबकि आज देश के हालात दोबारा से गुलामी की ओर बन गए हैं। जनता भूखमरी की कगार पर है। महंगाई चरम सीमा पर है, रोजी-रोटी कारोबार बड़ी दयनीय स्थिति में पहुंच चुके हैं और वर्तमान सरकार बीमारी में भी अपनी जेब भरने पर लगी हुई हैं। सबसे पहले हम भारतीयों को अपने देश का नाम भारत ग्रेट इंडिया जो कानूनी है। वही कहना चाहिए हिंदुस्तान कहना अपराध है। क्योंकि हमारे देश का नाम हिंदुस्तान नहीं इंडिया दैट इज भारत है। यह हमें समझना होगा अदर वाइज ब्राह्मणी षड्यंत्र को हम हिंदुस्तान कहकर उनका साथ देने में कोई कमी नहीं कर रहे हैं।और उनके मंसूबे इसी बात के हैं कि वह भारत देश यानी इंडिया को हिंदुस्तान बनाने पर लगे हैं। जबकि हिंदू कोई जाति या मजहब नहीं है। यदि ग्रंथ पढ़ते हैं या और सत्यार्थ प्रकाश या अन्य के दावे पढ़ते हैं तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा यह ब्राह्मणी षड्यंत्र है? इससे बचना होगा। बहुजन मुक्ति पार्टी अपनी विचारधारा पर अडिग है और सभी मूल निवासियों के लिए कार्यरत है। अब ऐसा नही है। इसलिये शोषित पीडित लोग मजबूर होकर जन क्रांति के लिए सड़को पर उतरेंगे जो ना गोलियों से डरेंगे ना डंडे से अब एक ये ही रास्ता बचा है? काश कितना अच्छा होता कि देश मे गैर बराबरी का निजाम ना होता।
खुदगर्ज़ नेतार्ओ का भी क्या कहना! विधायक/सांसद बनने के शौक में कभी अपने समाज की आवाज़ ही नही उठाई, देश के चारों स्तंभ और प्रशासन मे सरकारी जगहो पर अपने लोगो को बैठाया ही नही ऐसे नेता सिर्फ मुसलमानो मे ही नही है, बल्कि एससी/एसटी और ओबीसी मे भी भरपूर मात्रा मे हैं।
मै आर डी गादरे बामसेफ की विचार धारा वाली एकमात्र बहुजन मुक्ति पार्टी का कार्यकर्ता खुले आम कहता हूँ। सबको आबादी के हिसाब से आरक्षण लड़ाई लड़ेंगे वो एस सी, एस टी, ओ बी सी, अल्पसंख्यक सबको समानुपाती जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी के हिसाब से मुसलमानो को 22% हिस्सेदारी (आरक्षण) फौरन दिया जाये। मुझे पूरा भरोसा भी है और अगर ऐसा करने मे आनाकानी हुई तो उसी वक्त बहुजन मुक्ति पार्टी का दामन छोड़ दूंगा। अन्य नेताओं की तरह जमीर बेच कर समाज का काम नही करता।
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