अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर चल रहा है। कई राज्यों में लॉकडाउन या लॉकडाउन जैसी स्थिति है। इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर इकोनॉमी के लिए नुकसानदेह है और रिजर्व बैंक हालात पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए है।
उन्होंने कहा कि भारत मजबूत सुधार की ओर बढ़ रहा था। जीडीपी बढ़त पॉजिटिव हो गई थी। लेकिन दूसरी लहर आने के बाद पिछले कुछ हफ्तों में हालत काफी बिगड़ गई है। रिजर्व बैंक लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि आउटलुक काफी अनिश्चित है। गर्मी में ज्यादातर देशों में टीका आ जाएगा। उन्होंने कहा कि मॉनसून के इस साल सामान्य रहने का अनुमान जारी किया गया है जिसका महंगाई पर सकारात्मक असर रहेगा। खाद्यान्न उत्पादन पिछले साल भी अच्छा रहा है। कारोबार जगत के लोग यह सीख चुके हैं कि भौतिक प्रतिबंधों के बीच किस तरह से काम किया जाए। लेकिन मांग पर दबाव रहेगा। लॉकडाउन और कोरोना संकट की वजह से इकोनॉमी पर फिर से खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का यह संबोधन काफी महत्वपूर्ण है। कोरोना को रोकने के लिए राज्य स्तर पर लागू किए जा रहे लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां थम सी गई हैं।
कोरोना संकट कम नहीं
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का नया रूप देश में भारी तबाही मचा रहा है। देश में रोजाना 3.50 लाख से कोरोना के नए मामले आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 3,82,691 नए केस सामने आए हैं।
RBI ने ट्वीट कर कहा था, 'आरबीआई गर्वनर स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे मीडिया को संबोधित करेंगे।' पिछले साल लॉकडाउन लगना अर्थव्यवस्था के लिए काफी नुकसानदेह साबित हुआ था। अप्रैल 2020 की वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में करीब 24 फीसदी की भारी गिरावट आई थी।
इकोनॉमी की चिंता
इसकी अगली तिमाही में भी जीडीपी नेगेटिव रही थी. लगातार दो तिमाही में जीडीपी में आई गिरावट की वजह से इकोनॉमी तकनीकी रूप से मंदी के दौर में पहुंच गई थी। उस दौर में केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज तो दिया ही था, रिजर्व बैंक ने भी सिस्टम में नकदी डालने के कई इंतजाम किए थे। आम लोगों को राहत देने के लिए लोन पर मोरेटोरियम की सुविधा दी गई थी।
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