कगारू रैट रेगिस्तानी जीवन का एक खास हिस्सा होता है। ये बेशक पानी नहीं पीता लेकिन इसके शरीर में पानी की मात्रा ज्यादा होने के कारण दूसरे जानवर इसे खा जाते हैं। ये बहुत तेजी से भाग सकता है। ये एक सेकेंड में 06 मीटर की दूरी पार कर लेता है। ये अपने दुश्मनों से बचने के लिए भागते समय खूब तेजी दिखाता है और लंबी पूंछ का इस्तेमाल लगाने और हवा में दिशा बदलने के लिए करता है। कंगारू रैट छलागें मारते हुए चलते हैं और इनकी छलांगे इतनी सही होती हैं कि बड़ी छलांग भी लगा लेते हैं। अब सवाल ये उठता है कि वो बगैर पानी पीये कैसे जिंदा रह लेता है। वैसे ये बात सही है कि रेगिस्तान में वही जीव जंतु और पेड़-पौधे बचे रहते हैं, जिन्हें कम पानी की जरूरत होती है।
इस चूहे को पानी की बहुत कम जरूरत होती है या नहीं होती है। ये अपनी पानी की जरूरत को रेगिस्तान में उगने वाले पेड़-पौधों की जड़ों को खाकर पूरी कर लेता है। पेड़-पौधों में की जड़ों में कुछ ना कुछ नमी जरूर होती है। इसका गुर्दा इतना मजबूत और अच्छा काम करने वाला होता है कि वो इस नमी से ही शरीर के पानी की जरूरत को पूरा कर लेता है। पानी की यही नमी उसको जिंदा रखने के लिए काफी होती है। इन्हीं जड़ों से वो अपने भोजन की जरूरत भी पूरी कर लेता है।
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