अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। तूफान ताउते के बाद अब तूफान यास के बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने और 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की आशंका है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों के साथ बैठक की और तूफान से निपटने की तैयारियों पर चर्चा भी की।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि चक्रवात यास के उत्तर, उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है, जो 24 मई तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और अगले 24 घंटों में बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है।" मौसम विभाग ने कहा कि 26 मई की सुबह तक पश्चिम बंगाल के पास बंगाल की उत्तरी खाड़ी और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों तक पहुंच जाएगा।
बंगाल में सभी एहतियाती कदम उठाए गए- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवात 'यास' के मद्देनजर सभी एहतियाती कदम उठाए हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हालात का जायजा लेने के लिए खुद नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहेंगी। ममता ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री रवाना कर दी गयी है और अघिकारियों को तटवर्ती और नदी क्षेत्रों के आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने को कहा गया है।
नौसेना ने तैनात किए चार युद्ध पोतबंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवाती तूफान 'यास' के संभावित खतरे से निपटने के लिए भारतीय नौसेना ने अपने चार युद्धपोतों के अलावा कई विमानों को भी तैनात किया है। इस सप्ताह की शुरुआत में देश के पश्चिमी तट पर आए भीषण चक्रवात 'ताउते' के बाद भारतीय नौसेना ने बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया था। चक्रवात के कारण महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, कर्नाटक और गोवा में भारी तबाही हुई थी। नौसेना ने कहा कि तूफान के संभावित खतरे से निपटने के लिए बाढ़ राहत और बचाव की आठ टीमों के अलावा गोताखोरों की चार टीमों को ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भेजा गया है।
चक्रवात 'यास' से निपटने को तैयार है तटरक्षक
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